मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश पर दूसरे देशों और संगठनों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों पर जवाबी कदम उठाने का आदेश दिया है। उन्होंने पश्चिमी देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की कार्रवाई का बदला लेने के लिए आर्थिक प्रतिबंध लगाने को लेकर एक आदेश पर हस्ताक्षर किया है।
स्लोवाकिया और हंगरी का ईयू के समर्थन से इन्कार
वहीं, दूसरी तरफ यूरोपीय यूनियन रूस से तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। लेकिन स्लोवाकिया और हंगरी ने इसका समर्थन करने से इन्कार कर दिया है। इनका कहना है कि अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए वे पूरी तरह से रूस पर निर्भर हैं और फिलहाल उनके सामने कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
10 दिनों में लिस्ट बनाने के आदेश
रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने मंगलवार को बताया कि पुतिन ने कैबिनेट से 10 दिन के भीतर उन लोगों और कंपनियों की सूची बनाने को कहा है, जिनके खिलाफ जवाबी प्रतिबंध लगाया जाना है। राष्ट्रपति के आदेश के अनुसार रूस सूची में शामिल लोगों और कंपनियों के साथ किसी तरह का कारोबार नहीं करेगा।
रूस दूसरे देशों पर हमला नहीं कर सकता, यह न समझे
शुल्जजर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज ने मंगलवार को चेताया कि किसी को यह नहीं समझना चाहिए कि रूस दूसरे देशों पर हमला नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर फिनलैंड और स्वीडन नाटो में शामिल होना चाहेंगे तो जर्मनी इसका समर्थन करेगा। हालांकि फिनलैंड और स्वीडन ने कहा कि नाटो में शामिल होने के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस बीच, मंगलवार को शुल्ज ने विपक्ष के नेता के साथ यूक्रेन जाने से इन्कार कर दिया है। दरअसल, यूक्रेन ने हाल ही में जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर को बुलाने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया था कि विदेश मंत्री रहते फ्रैंक ने रूस की मदद की थी। इसी के विरोध में शुल्ज ने यूक्रेन का दौरा करने से मना कर दिया।