वाशिंगटन। चीन पर हमलावर रुख अख्तियार कर चुके ट्रंप प्रशासन ( Trump administration) ने रिपब्लिकन विदेश नीति की उपलब्धियों में से एक चीन-अमेरिका के संबंधों को निराशाजनक करार दिया। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि पिछले पांच दशक के दौरान चीन के साथ अमेरिका का संबंध असफल रहा। विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) ने गुरुवार को कैलिफोर्निया स्थित योरबा लिंडा में निक्सन लाइब्रेरी का दौरा किया। कैलिफोर्निया का यह लाइब्रेरी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के नाम पर है, जिन्होंने लगभग 50 साल पहले चीन के साथ अमेरिकी कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत की थी।
इस दौरान उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति द्वारा चीन के साथ संबंधों की शुरुआत को लेकर बताया कि यह संबंध बेहतर उद्देश्यों के लिए किया गया था लेकिन अब इसे खत्म करने का समय आ गया है। निक्सन के ऐतिहासिक 1972 के चीनी ट्रिप के बाद के करीब 50 साल के बाद पोंपियो ने इस वेन्यू का इस्तेमाल चीन के खिलाफ किया और मौके का फायदा उठा झूठ बोलने, धोखा देने और चोरी करने का आरोप लगाया।
पोंपियो ने कहा कि यह चीन की निरंकुशता और अत्याचारों से मुक्ति का समय है और हमें चीन मुक्त दुनिया के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने आगे कहा, ‘चीन अपनी विस्तारवादी नीति पर कायम है और दूसरों की स्वतंत्रता को बंधक बना रहा है। अगर दुनिया कम्युनिस्ट चीन को नहीं बदलती है, तो कम्युनिस्ट चीन हमें बदल देगा।’ विदेश मंत्री ने आगे कहा कि बीजिंग ने अमेरिका और पश्चिमी उदारता का सिर्फ लाभ उठाया है। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। विदेश मंत्री ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हम अब अपने देशों के बीच मौलिक राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों को नजरअंदाज नहीं कर सकते, जैसे कि CCP ने इन्हें कभी नजरअंदाज नहीं किया है।’ बता दें कि अमेरिका ने चीन को ह्यूस्टन, टेक्सास स्थित अपना वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया है।