जेनेवा। एमस्टर्डम स्थित यूरोपियन फाउंडेशन फार साउथ एशियन स्टडीज ने पाकिस्तान की पोल खोलते हुए कहा कि यह देश अपने यहां आतंकवादियों को पनाह देता है। फाउंडेशन की रिसर्च एनालिस्ट वेरोनिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र में कहा कि पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समय समय पर स्वीकार किया है कि उनका देश आतंकवादियों को पनाह देता है।
वेरोनिका ने कहा कि मानवाधिकार के प्रति सम्मान सार्वभौमिक है जो पाकिस्तान समेत सभी देशों पर लागू होता है। लेकिन आतंकवाद सभी तरह के मानवाधिकारों का हनन करता है। उन्होंने कहा कि जुलाई 2019 में पाक के पीएम इमरान ने वाशिंगटन के इंस्टीट्यूट आफ पीस में स्वीकार किया था कि उनके देश में 40 हजार आतंकवादी सक्रिय हैं। जबकि जून 2020 में इमरान ने लादेन को ‘शहीद’ बताया।
पाक-चीन के बीच बीआरआइ प्रोजेक्ट अवैध घोषित किया जाएगुलाम कश्मीर (पीओके) के एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने संयुक्त राष्ट्र से चीन और पाकिस्तान के बीच बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट (बीआरआइ) को अवैध घोषित करने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र में डा.अमजद अयूब रजा ने कहा कि पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना पांचवां सूबा बनाना चाहता है।
उन्होंने कहा 31 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान ने ब्रिटिश अफसरों से मिलीभगत कर गिलगित एजेंसी पर कब्जा कर लिया था। जम्मू-कश्मीर और गिलगित एजेंसी पर हमला कर पाकिस्तान ने युद्ध अपराध किया था। बीआरआइ की गतिविधियां बढ़ने से मौजूदा समय में गिलगित में हम चीन और पाक के दोहरे उपनिवेश का सामना कर रहे हैं। आज इस क्षेत्र के सौ से अधिक मानवाधिकार कार्यकर्ता जेल में सड़ रहे हैं।
पाकिस्तानी साजिशों को नाकाम बनाने के लिए सतर्क
जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि इस समय पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगना जम्मू-कश्मीर में हथियार व नशीले पदार्थो की तस्करी के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रहे हैं। हमने उनकी ऐसी कई कोशिशों को नाकाम बनाया है। पाकिस्तान के इस नए हथकंडे को लेकर सुरक्षाबल पूरी तरह से सजग हैं।