छोटे-छोटे देशों को परेशान करने वाले चीन ने अब हिंद महासागर में भी पैठ बनानी शुरू कर दी है.

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अपने विस्तारवादी मंसूबों के साथ छोटे-छोटे देशों को परेशान करने वाले चीन (China) ने अब हिंद महासागर (Indian Ocean) में भी पैठ बनानी शुरू कर दी है. चीन ने इसी महीने की शुरूआत में जहां एक ओर 2 अप्रैल को भारत के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में 11 विविध भौगोलिक स्थानों का नाम बदलने की घोषणा की, वहीं दूसरी ओर उसने दक्षिण हिंद महासागर में समुद्री तल की 19 जगहों (Sea Bed Features) को भी नाम दिए, जो भारतीय प्रायद्वीप से लगभग 2,000 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं.

डिफेंस एक्‍सपर्ट्स ने चीन के इस कदम को भारत की घेराबंदी की साजिश करार दिया है. एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि अपने विस्तारवादी मंसूबों को पूरा करने के लिए चीन वैश्विक मंच पर कई तरह की हरकतें करता है. उसने 1 अप्रैल, जिसे आमतौर पर ‘अप्रैल फूल दिवस’ कहते हैं, और उसके अगले दिन भारत की संप्रभुता और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रभाव वाले क्षेत्र में सीधे दखल देकर दोहरा आघात किया. उधर, चीनी मीडिया ने उसकी इन कोशिशों को बीजिंग की “सॉफ्ट पावर” के रूप में प्रचारित करते हुए कहा है, कि चीन की महासागर खनिज संसाधन आर एंड डी एसोसिएशन (COMRA) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीबेड अथॉरिटी के साथ 15 साल के अन्वेषण अनुबंध पर साइन किए गए थे, जिसके अनुसार, उन्‍हें अपनी मुख्य भूमि से दूर के इस इलाके में पहुंच बनाने की सुविधा मिली.

मेडागास्कर के पास चार जगहों को दिए चीनी नाम
चीन के COMRA के मुताबिक, वे 2011 में मेडागास्कर के पास हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिम रिज में सक्रिय हुए हैं. जहां उन्‍होंने कीमती धातु पॉलीसल्फाइड के लिए अन्वेषण कार्य शुरू किया. मगर, चीन का हस्‍तक्षेप भारतीय समुद्र के अन्‍य इलाकों में भी हुआ है, जैसे कि श्रीलंका का हंबनटोटा चीन ने 99 साल की लीज पर ले लिया है. इसी तरह चीन ने म्‍यांमार के भी एक ठिकाने पर पैठ बनाई है, पाकिस्तान के अरब सागर स्थित ग्‍वादर पोर्ट पर चीन पहले से परियोजनाएं स्‍थापित कर ही रहा है. इसके अलावा उसने हिंद महासागर में मालदीव में भी अपने लिए जमीन तैयार करने की कोशिश की.

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की विस्‍तारवादी मानसिकता
साउथ ब्लॉक के एक अधिकारी का कहना है, चीन में तैनात राजनयिकों को उनके राजनयिक कागजात पेश करते समय मंदारिन नाम दिया जाता है. उन्‍होंने कहा, “अरुणाचल प्रदेश और हिंद महासागर में विविध भौगोलिक स्थानों का नाम बदलना चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की सदियों पुरानी विस्‍तारवादी मानसिकता को दर्शाता है, इस तरह की कोशिशें 19वीं शताब्दी में अपना प्रभुत्व और अपनी ताकत दिखाने के लिए ब्रिटिश भी करते थे.

कहां कहां हैं हिंद महासागर में चीन के 19 ठिकाने?
हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंद महासागर में चीन की ओर से जिन 19 समुद्री-जगहों के नाम रखे जाने की जानकारी मिली है, उनमें से 6 ओमान के तट से दूर हैं. इसके अलावा कुछ अफ्रीकी भूमि से दूर जिबूती में हैं,जहां चीन का पोर्ट भी है. इसके अलावा चार जगहें मेडागास्कर के तट से कुछ दूरी पर हैं, और 8 भारत के दक्षिण-पश्चिम रिज पर हैं. हिंद महासागर में अपनी पैठ बढ़ाने के अलावा चीन धरती के दक्षिणी हिस्‍से में यानी कि अंटार्कटिका की ओर भी कई बार अपना दल भेज चुका है.