ब्रिजटाउन (बारबाडोस)। कैरिबियाई द्वीपों (Caribbean island) के प्रमुख देश बारबाडोस (Barbados) में अब क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का शासन खत्म हो गया है। यह देश अब पूरी तरह से गणतंत्र हो गया है। इस तरह बारबाडोस ब्रिटेन से अलग होकर 55वां गणतंत्र देश बन गया है। क्वीन एलीजाबेथ द्वितीय (Queen Elizabeth II) अब यहां की सर्वेसर्वा नहीं होंगी। एक समारोह के दौरान क्वीन का प्रतिनिधित्व करने वाले रायल स्टैंडर्ड ध्वज को उतारा गया। इस समारोह में प्रिंस चार्ल्स (Prince Charles) भी मौजूद थे।
गवर्नर जनरल सैंड्रा मेसन देश की राष्ट्रपति बनाई गई हैं। उनकी नियुक्ति क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा की गई है। मेसन ने बारबाडोस की पहली राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। बता दें कि मेसन अटार्नी और जज भी रह चुकी हैं और उन्होंने वेनेजुएला, कोलंबिया, चिली और ब्राजील के राजदूत के तौर पर भी काम किया है।
जानें कब क्या-क्या हुआ
बारबाडोस की आबादी तीन लाख से ऊपर है और यह कैरिबियाई देशों में सबसे अमीर देश माना जाता है। यहां की अर्थव्यवस्था ज्यादातर पर्यटन पर निर्भर करती है। सैकड़ों सालों की आजादी के बाद बारबाडोस 1966 में आजाद हो गया था लेकिन यहां क्वीन एलीजाबेथ का शासन चलता था। 1970 के बाद किसी कैरिबियाई देश में ऐसा देखने को मिला है। इससे पहले गुयाना, डोमनिका, त्रिनिदाद और टोबैगा गणतंत्र देश बने थे। साल 2005 में बारबाडोस ने त्रिनिदाद स्थित कैरिबियाई कोर्ट आफ जस्टिस में इस बात की अपील की थी और लंदन स्थित प्रिवी काउंसिल को हटा दिया था। इसके बाद साल 2008 में बारबाडोस ने खुद को गणतंत्र देश बनाने के लिए प्रस्ताव रखा, लेकिन इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया। अब आज 30 नवंबर को बारबाडोस गणतंत्र देश बन गया है। अब उसका अपना राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान होगा।