यरूशलेम। इजरायल के एक कैबिनेट मंत्री ने रविवार को कहा कि सरकार ने इजरायल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नाम पर एक नई बस्ती बनाने की योजना को मंजूरी दी। बस्तियों के निर्माण को मंत्री तज़िपी होटोवेली ने फेसबुक पर लिखा है कि उनका मंत्रालय 300 परिवारों को घर देने के लिए ‘रामत ट्रंप’ को बनाने के लिए तैयारी शुरू कर देगा।
बता दें कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आधिकारिक रूप से पिछले साल विवादित गोलन पहाड़ी क्षेत्र की एक बस्ती का नाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर रख दिया था। उन्होंने कहा था कि गोलन की एक बस्ती को ‘रामत ट्रंप’ के नाम से जाना जाएगा। वहीं, कहा गया था कि जल्द ही उनके नाम पर नई बस्ती को स्थापित किया जाएगा।
ज्ञात हो, इज़रायल ने 1967 के मध्यपूर्व युद्ध में सीरिया से गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया और 1981 में इसे वापस ले लिया। अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस कदम को और इस्राइली बस्तियों को इस क्षेत्र में, अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध मानते हैं। लेकिन ट्रंप ने मार्च 2019 में रणनीतिक पहाड़ी पठार को इजरायल के क्षेत्र के रूप में मान्यता देने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। यह कदम इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा इजरायल चुनावों से कुछ सप्ताह पहले वाशिंगटन की यात्रा के दौरान आया था।
गोलन हाइट्स सीरिया की राजधानी दमिश्क से करीब 60 किलोमीटर दूर है और यह क्षेत्र लगभग एक हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
यह निर्णय, इजरायल को लाभ पहुंचाने वाले कई राजनयिक कदमों में से एक था। इसकी व्यापक रूप से यहां सराहना की गई। पिछले साल नेतन्याहू ने कहा था कि ट्रंप के नाम पर बस्ती स्थापित करना अमेरिकी राष्ट्रपति के उन फैसलों के प्रति सम्मान जाहिर करना है जो इजरायल के हित में रहे हैं। यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के साथ ही ट्रंप गोलन पहाडि़यों पर उसके अधिकार पर भी अपनी मुहर लगा चुके हैं। ट्रंप के इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तीखी आलोचना की थी।
गोलन पहाडि़यों पर क्या है विवाद
सामरिक रूप से महत्वपूर्ण गोलन पहाडि़यों को इजरायल ने 1967 के युद्ध में सीरिया से जीत लिया था। इजरायल ने 1981 में इस क्षेत्र को अपना हिस्सा घोषित कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय जगत में इसका विरोध होने पर यथास्थिति बहाल कर दी गई थी। अमेरिका की 50 वर्षो से भी ज्यादा समय से चली आ रही नीति के उलट राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल मार्च में इन पहाडि़यों पर इजरायल के कब्जे को मान्यता दे दी थी।