नई दिल्ली: पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने अपने रिटारयरमेंट पर बीसीसीआई (BCCI) के प्रति नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के मैनेजमेंट के बर्ताव पर भी सवाल खड़े किए. युवी ने कहा कि उन्हें ऐसा लगा कि टीम मैनेजमेंट उन्हें टीम से निकालने के बहाने ढूंढ़ रहा था. इसलिए ‘यो यो टेस्ट’ जैसी चीजें अनिवार्य की गई. उन्होंने कहा कि वे 2019 का वर्ल्ड कप खेलना चाहते थे. समाचार चैनल ‘आज तक’ को दिए इंटरव्यू में युवराज ने इस बात पर भी निराशा जताई कि बीसीसीआई ने वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) और जहीर खान (Zaheer Khan) जैसे सीनियर क्रिकेटरों से उनके करियर के आखिरी दिनों में बात नहीं की. युवराज सिंह भारतीय टीम की ओर से आखिरी बार 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ टी20 मैच में खेले थे. इसमें भारत 75 रन से जीता था.
‘आखिरी 8-9 मैच में 2 बार मैन ऑफ द मैच बना था’
उन्होंने अपने रिटायरमेंट के सवाल पर कहा, ‘मैं चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के बाद खेले गए 8-9 मैचों में से दो में मैन ऑफ द मैच चुना गया और मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे टीम से बाहर कर दिया जाएगा. मैं चोटिल हो गया था और मुझे श्रीलंका से सीरीज की तैयारी करने को कहा गया. लेकिन अचानक से यो-यो टेस्ट शुरू कर दिया गया. यह मेरे चयन में यू टर्न था. अचानक से मुझे वापस जाकर 36 साल की उम्र में यो यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी. यो यो टेस्ट पास करने के बाद भी मुझे घरेलू क्रिकेट खेलने को कहा गया.’
‘वे टीम से बाहर रखने के बहाने बना रहे थे’
युवी ने आगे कहा, ‘उन्होंने सोचा नहीं था कि मैं इस उम्र में भी टेस्ट पास कर लूंगा. और ऐसे में मुझे मना करना आसान हो जाएगा. तो आप कह सकते हैं कि वे बहाने तलाश रहे थे. मुझे लगता है कि जिसने 15-17 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला हो उसके साथ न बैठना और उससे बात न करना दुर्भाग्यजनक है. किसी ने मुझसे या वीरेंद्र सहवाग व जहीर खान से बात नहीं की.’
बकौल युवराज, ‘कोई भी खिलाड़ी हो उससे बात करनी चाहिए कि अब हम युवाओं पर ध्यान दे रहे हैं और हम इस तरफ बढ़ रहे हैं. इससे एकबारगी बुरा लग सकता है लेकिन कम से कम आपने उसे सच तो बता दिया. मगर ऐसा इंडियन क्रिकेट में नहीं होता. कई बड़े नामों के साथ ऐसा हो चुका है. मुझे बुरा लगा था लेकिन अब आगे बढ़ चुका हूं.’
वर्ल्ड कप 2011 के मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने कहा कि वह 2019 का वर्ल्ड कप खेलना चाहते थे. 2015 में भी जब उन्हें मौका नहीं मिला था तो उन्हें निराशा हुई थी उस समय भी उन्होंने रणजी ट्रॉफी में काफी रन बनाए थे. हालांकि उन्होंने सही समय पर रिटायरमेंट लेने के फैसले पर खुशी जताई. बता दें कि युवराज ने इसी साल जून में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था.