नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि विचारों के खुलापन और सहिष्णुता को लेकर भारत और अमेरिका की दुनिया में बनी पहचान अब गायब हो रही है। उनके मुताबिक सहिष्णुता वास्तव में भारत के डीएनए में है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि देश की इस मजबूत नींव को कमजोर करने वाली ताकतें खुद को राष्ट्रवादी बताने में जुटी हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका में जहां काले और गोरों के बीच रंगभेद के आधार पर खायी बढ़ी है वहीं भारत में सांप्रदायिक तौर पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है।
अमेरिका में भी यह सहिष्णुता नहीं दिखाई दे रही जो पहले थी
देश-दुनिया के अलग-अलग क्षेत्र के नामी हस्तियों के साथ अपनी संवाद श्रृंखला के तहत राहुल गांधी ने पूर्व अमेरिकी राजनयिक और हावर्ड यूनिर्वसिटी के अंतराष्ट्रीय कूटनीति के प्रोफेसर निकोलस बर्न्स से बातचीत में यह राय जाहिर की। कांग्रेस के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शुक्रवार को प्रसारित इस संवाद में राहुल ने कहा कि हम खुले रूप में नए विचारों को स्वीकार करने वाले हैं, लेकिन आश्चर्य और दुख की बात है कि यह अब गायब हो रहा है। अमेरिका में जार्ज फ्लायड की हत्या के बाद रंगभेद के खिलाफ किए जा रहे विरोध की ओर इशारा करते हुए राहुल ने कहा कि अमेरिका में भी यह सहिष्णुता नहीं दिखाई दे रही जो पहले थी।
बर्न्स ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि बराक ओबामा के राष्ट्रपति बन जाने के बाद भी अमेरिका में भी नस्लीय भेदभाव वापस लौट रहा है। पीएम मोदी का नाम लिए बिना राहुल ने अचानक लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों को हुई मुश्किल की चर्चा करते हुए कहा कि एकतरफा नेतृत्व में बिना सोचे विचारे फैसले हो जाते हैं। इसी सोच के खिलाफ वे लड़ रहे हैं।
कोविड के बाद नए विचारों और नए तरीके सामने आएंगे
इस हालात में बदलाव की उम्मीद के बारे में बर्न्स ने पूछा तो राहुल ने कहा कि वे सौ फीसद आशान्वित हैं क्योंकि अपने देश के डीएनए को समझते हैं। हजारों वर्षों से देश का डीएनए सहिष्णु रहा है जिसे बदला नहीं जा सकता है। राहुल ने कहा कि हम एक खराब दौर से गुजर रहे हैं और कोविड एक भयानक समय है, लेकिन कोविड के बाद नए विचारों और नए तरीके सामने आएंगे क्योंकि लोग पहले की तुलना में एक-दूसरे का बहुत अधिक सहयोग करते हुए दिख रहे हैं।
अमेरिका की मौजूदा स्थिति की चर्चा करते हुए निकोलस बर्न्स ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप कई मायनों में अधिनायकवादी हैं और अकेले ही सब समस्याओं को ठीक करने की घोषणा करते हैं। अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए बर्न्स ने कहा कि हम अधिनायकवाद को थाम सकते हैं, लेकिन चीन और रुस में अधिनायकवाद वापस आ रहा है।