भोपाल : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर में अस्वस्थ हुई और यही वजह उनके अंतिम संस्कार में नही जा पाई। उन्होने इस धारणा को गलत साबित कर दिया कि एक अच्छी ग्रहणी अच्छी राजनेता नही हो सकती । में अपनी बहिन सुषमा स्वराज के निधन पर तीन दिन का शोक मनाउंगी।मैं नर्मदा स्नान के लिए जा रही हूं। नर्मदा भी मेरी बड़ी बहिन है । यह बात बीजेपी की दिग्गज नेत्री और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने आज बीजेपी कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही और बोलते बोलते भावुक हो गई।
इस दौरान उन्होंने उमाभारती ने सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि भी दी। उमा भारती ने सुषमा स्वराज को राष्ट्र भक्त बताया । भारती ने कहा कि वो एक अच्छी नेता, एक आदर्श ग्रहणी, सफल राजनेता थी। मेरे अपने संबंध 1985 से थे पर उन्होंने मुझे जब में पार्टी से बाहर थी तब मुझे समझाया।उमा ने कहा कि वो मेरे से 9 साल बड़ी थी पर मेरी माँ जैसी थी। केन वेतवा प्रोजेक्ट पर उनकी विशेष रुचि थी।मैने उनसे संयम धैर्य सीखा।भारतीय राजनीति का ममत्व भरा दिल जो विदेशो ने उनके विदेश मंत्री के दौरान देखा। उमा भारती ने कहा भगवान ने उन्हें बना कर साँचा तोड़ दिया होगा, उनके जैसा कोई और नही।
निधन के समय मीडिया से चर्चा करने से किया था इंकार
इसके पहले मंगलवार को जब उन्हें इस बात की खबर मिली थी तो उन्होंने फेसबुक पर लिखा था मैं सुषमा स्वराज के निधन से स्तब्ध हूं, मैंने अपनी बड़ी बहन को खो दिया, उनका स्थान कोई नहीं ले पाएगा। उन्होंने लिखा कि सुषमा स्वराज के निधन की खबर कल रात 11.30 बजे लग गई थी। तभी मैंने उन्हें ट्वीट के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की, किंतु उसके तुरंत बाद से मैं बहुत सदमें में हूं तथा मैं इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रही हूं कि उनका निधन हो गया है। उनका ऐसे अचानक जाने का दुख मेरे साथ हर देशवासी को है। उन्होंने लिखा कि मैं भोपाल में हूं, सबेरे से ही मीडिया जगत मुझसे संपर्क करने के प्रयास में है। मैं अभी इस सदमे से संभलने में लगी हूं, कुछ बोल नहीं पाऊंगी।इसके बाद आज उन्होंने मीडिया से चर्चा कर अपना दुख साझा किया।
14 साल बाद पहुंची बीजेपी कार्यालय
मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद यानी करीब 14 साल बाद बीजेपी दफ्तर पहुंची। जहां 14 साल के वनवास के बाद उमा भारती बीजेपी दफ्तर पहुंची हैं। बता दे कि मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से उमा भारती बीजेपी कार्यालय नहीं गईं थीं।