दुर्ग जिला अधिवक्ता संघ का हाल ही में हुए चुनाव के बाद गुरुवार को शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने जूनियर अधिवक्ताओं की ट्रेनिंग के लिए कार्ययोजना तैयार करने की बात कही। कार्यक्रम के दौरान संघ के 9 पदाधिकारियों और छह कार्यसमिति के सदस्यों को शपथ दिलाई गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि विभाग द्वारा जूनियर अधिवक्ताओं की ट्रेनिंग के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इससे उन्हें फील्ड में काम करने में अधिक सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि देखने में आता है कि कानून की पढ़ाई करने के बाद जब जूनियर वकील न्यायालय आते हैं तो न्यायालय की कार्रवाई की पद्धति आदि का ज्ञान कम होने के कारण उन्हें आरंभिक रूप से काफी कठिनाई होती है। इसके निराकरण के लिए विधि विभाग द्वारा प्रशिक्षण की कार्ययोजना बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वकील के कार्य व्यापक होते हैं। उन्हें तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर आदि के न्यायालय में भी जाना होता है। निर्वाचन के दौरान भी अभ्यर्थी उनके संपर्क में आते हैं तथा अनेक तरह के डॉक्यूमेंट लगते हैं। इसका विधिक ज्ञान प्रत्याशियों को नहीं होता और वे वकीलों के पास जाते हैं। ऐसे में प्रशिक्षित वकील ज्यादा बेहतर तरीके से अपना कार्य कर पाएंगे।
अधिवक्ता संघ की अध्यक्ष नीता जैन ने इस मौके पर कहा कि शपथ ग्रहण का मौका बेहद अहम होता है। यह हमारी परंपरा रही है ताकि हम अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करें। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस अवसर पर बार रूम के जीर्णोद्धार और लाइब्रेरी को अपडेट करने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में दोनों मांगों को पूरा करने की घोषणा कर दी।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश के सुझाव की हुई सराहना
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने यह सुझाव रखा था। मुख्यमंत्री ने उनके इस सुझाव को काफी उपयोगी बताया और कहा कि यह सभी जगहों पर होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों गांधी, नेहरू, पटेल, अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसी विभूतियों ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई न्यायालय के भीतर भी लड़ी और बाहर भी लड़ी। देश की आजादी में वकीलों का बड़ा योगदान है। प्रदेश में भी बैरिस्टर छेदीलाल, घनश्याम गुप्त, ठाकुर प्यारेलाल जैसी विभूतियों ने अपने कानूनी ज्ञान से बड़ा योगदान दिया। दुर्ग से घनश्याम गुप्त तो संविधान की हिंदी ड्राफ्ट कमेटी में भी रहे। उन्होंने कहा कि हिदायतुल्लाह जैसी विभूति के नाम पर छत्तीसगढ़ में विधि विश्वविद्यालय हैं। उन्होंने कहा कि यह उज्ज्वल परंपरा आगे बढ़ानी है और आप लोग इसके प्रति बेहद सजग होकर कार्य कर रहे हैं।
13 महीनों में 16 हजार से अधिक प्रकरण निराकृत
इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि दुर्ग जिले में 13 महीनों में 16 हजार 322 प्रकरण निराकृत किए गए। जबकि इस अवधि में कोविड की वजह से कुछ समय न्यायालय बंद भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बीच तीन नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई, जिसमें अनेक प्रकरणों का निराकरण किया गया।