सुराजी गांव और गोधन न्याय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बनी संजीवनी : मुख्यमंत्री बघेल

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई सुराजी गांव योजना और गोधन न्याय योजना से गांव और ग्रामीणों के जीवन में एक नया बदलाव दिखाई देने लगा है। इन योजनाओं से ग्रामीणों और किसानों को संबल मिला है और ये ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बातें सोमवार अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के तहत राशि जारी करने के वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मजबूत और स्वावलंबी गांवों का सपना देखा था। उनका सपना आज छत्तीसगढ़ में साकार हो रहा हैै। छत्तीसगढ़ के गांव आज स्वावलंबन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। कार्यक्रम में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि एवं जल संसाधन रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर गोधन न्याय योजना के तहत कुल 9.83 करोड़ रुपये की राशि का ऑनलाइन अंतरण किया, जिसमें गोबर विक्रेताओं को 48 लाख रुपये तथा गौठान समितियों व महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 9.35 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के पशुपालक किसानों, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे लिए यह बेहद खुशी की बात है कि गौठान तेजी से स्वावलंबी बन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना को शुरू किए अभी एक साल भी नहीं हुआ है। हमारे 1160 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो अपनी आय से अब स्वयं गोबर खरीद रहे हैं और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन करने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान और गोधन न्याय योजना का सीधा संबंध खेती से है। यह व्यवस्था जितनी मजबूत होगी हमारी खेती-किसानी और किसान उतने ही समृद्ध होंगे।

उन्होंने इस मौके पर राज्य के किसान भाईयों से राज्य में संचालित पशुओं के रोका-छेका अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने और गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उपयोग खेतों में करने की अपील की। उन्होंने गौठानों में पशुओं के हरे चारे की व्यवस्था के लिए चारागाह में नेपियर घास लगाने का भी आह्वान किया।

कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना एक महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना की प्रशंसा पार्लियामेंट की स्वच्छ भारत मिशन कमेटी एवं जैविक खाद कमेटी ने की है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 48.56 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। इससे लगभग 19 लाख क्विंटल वर्मी और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन संभावित है, जो कि क्रय गोबर की मात्रा का लगभग 40 प्रतिशत है। मंत्री चौबे ने कहा कि अब तक आठ लाख क्विंटल वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट गौठानों में तैयार हो चुका है।

आज की स्थिति में 60 हजार भरे टाकों से वर्मी कम्पोस्ट की छनाई और पैकेजिंग का काम चल रहा हैं। अब तक 40 करोड़ रुपये की वर्मी कम्पोस्ट बिक चुकी है। उन्होंने कहा कि गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को इस योजना के तहत लाभांश के रूप में लगभग 29 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। गौठानों से जुड़े स्व-सहायता समूह की 85 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पादों का निर्माण व आय मूलक गतिविधियों का संचालन कर अब तक 43.49 करोड़ रुपये की आय अर्जित कर चुके हैं।