रायपुर। प्रदेश सरकार राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) लोगों की गणना करा रही है। इसके लिए क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन किया गया है। इसका कार्यकाल 30 नवंबर को पूरा हो जाएगा, लेकिन अब तक केवल 50 फीसद लोगों ने ही पंजीयन कराया है। इसे देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किया है। सचिव डा. कमलप्रीत सिंह ने जिन जिलों में सर्वेक्षण और सत्यापन का काम पूरा नहीं हुआ है, वहां के कलेक्टरों को व्यक्तिगत रुचि लेकर निर्देशों का कड़ाई से पालन कराते हुए 30 नवंबर इसे पूरा कराना सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
अफसरों के अनुसार दोनों वर्गों के सर्वे का काम राज्य में प्रचलित राशनकार्डों में दर्ज संख्या के हिसाब से किया जा रहा है। प्रदेश में 66 लाख 73 हजार 133 राशनकार्ड हैं। इनमें सदस्यों की संख्या दो करोड़ 47 लाख 70 हजार 566 है। ओबीसी वर्ग को जारी राशनकार्डों की संख्या 31 लाख 52 हजार 325 और सदस्यों की संख्या एक करोड़ 18 लाख 26 हजार 787 है। इसके विपरीत अब तक इस वर्ग के केवल एक करोड़ लोगों ने पंजीयन कराया है। इसी तरह सामान्य राशनकार्ड की संख्या पांच लाख 89 हजार और सदस्य संख्या 20 लाख 25 हजार 42 है। इस वर्ग के करीब साढ़े 63 हजार लोगों ने ही पंजीयन कराया है।
अब नहीं बढ़ेगा आयोग का कार्यकाल
ओबीसी और ईडब्ल्यूएस की गणना की प्रक्रिया क्वांटिफायबल डाटा आयोग इस वर्ष एक सितंबर से श्ाुरू की है। प्रक्रिया पूरी करने के लिए पहले अक्टूबर तक का समय दिया गया था। इसके बाद बढ़ाकर 30 नवंबर तक कर दिया गया। जीएडी के अफसरों के अनुसार आयोग का कार्यकाल अब नहीं बढ़ाया जाएगा।
आयोग 30 अप्रैल तक सौैंपेगा सरकार को रिपोर्ट
आयोग के सचिव बीसी साहू ने बताया कि 30 नवंबर तक पंजीयन और सत्यापन के बाद ग्राम पंचायत और वार्ड के स्तर पर सूची का प्रारंभिक प्रकाशन 17 दिसंबर तक करना है। पांच जनवरी 2022 तक दावा-आपत्ति आमंत्रित किए जाएंगे। तैयार सूची का पंचायत और नगरीय निकायों से 17 फरवरी तक अनुमोदन होगा। 30 मार्च तक डाटा जिलों को भेजे जाएंगे। इसके बाद 30 अप्रैल तक डाटा आयोग को पूरी रिपोर्ट सौंपी जानी है।
इस वजह से कर रहे गणना
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त 2019 को जातिगत आरक्षण में वृद्धि की घोषण्ाा की थी। इसमें ओबीसी का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 व एससी का 12 से बढ़ाकर 13 करने की घोषणा की गई थी। साथ ईडब्ल्यूएस को 10 फीसद आरक्षण दिया जाना है। इसमें एसटी को मिल रहे 32 फीसद आरक्षण को शामिल करने के बाद आरक्षण का दायरा 58 से बढ़कर सीधे 83 फीसद पहुंच गया है। इसकी वजह से मामला हाई कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट के निर्देश पर ही यह सर्वे किया जा रहा है।
अब तक पंजीयन
ओबीसी- 10012156
ईडब्ल्यूएस- 635618
कुल- 10647774