न्याय पर सियासत, भाजपा पर सवालों की बौछार

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर एक बार फिर सियासत गर्म हो रही है। कांग्रेस ने भाजपा से पूछा कि वह न्याय के साथ है या फिर अन्याय के साथ। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में इतने बड़े फैसले पर भाजपा अपना रुख साफ करें। भाजपा नेता स्पष्ट करें कि वे किसानों के साथ न्याय के पक्ष में खड़े हैं या अन्याय के पक्ष में खड़े है।

पूर्व के वर्षों में न्याय योजना के कारण छत्तीसगढ़ के किसानों से लिए धान से बना चावल लेने से भाजपा की केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया था। आज वही राजीव गांधी किसान न्याय योजना सूखा, अवर्षा तमाम संकट की परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ के किसानों का सहारा बनकर सामने आ रही है। त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि किसान विरोधी सारे पाप डॉ. रमन सिंह और उनकी पार्टी भाजपा ने किए हैं।

आज पूरे देश के किसान भाजपा की केंद्र सरकार के किसान विरोधी फैसलों को लेकर आंदोलित हैं। राज्य में धान खरीदी की जो भी समस्याएं होती रहीं हैं, उसके लिए भी केंद्र की भाजपा सरकार और उसकी नीतियां ही दोषी हैं। केंद्र सरकार ने धान खरीदी के लिए बारदाने देने में बाधा डाली गई। एफसीआइ में चावल लेने की अनुमति केंद्र सरकार को देनी थी। चावल लेने का आदेश देने के बावजूद एफसीआइ गोदामों में चावल रखने की अनुमति न देकर भाजपा की केंद्र सरकार ने ही बाधाएं डालने का कुचक्र किया।

त्रिवेदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानों को भाजपा गुमराह नहीं कर सकती है। किसान जानते हैं कि छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की रमन सरकार थी, तब तक किसानों को किस तरह ठगा जाता रहा है। न समर्थन मूल्य का वादा पूरा हुआ और न बोनस पांच साल तक मिला। इन्हीं किसान विरोधी नीतियों के कारण भाजपा को 15 साल तक शासन करने के बाद छत्तीसगढ़ के मतदाताओं ने 15 सीट के लायक भी नहीं समझा।