रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का 2500 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान सुनिश्चित करने के लिए कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में समिति गठित की है। आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेससाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत समिति के सदस्य बनाए गए है। यह समिति भारत सरकार तथा अन्य राज्य सरकारों द्वारा किसानों को नगद सहायता देने से संबंधित योजनाओं का परीक्षण कर तथा सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श कर एक माह में अनुशंसा प्रस्तुत करेगी।
बारिश की वजह से धान खरीदी पर असर
प्रदेश में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में किसानों से अब तक 32.63 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। गत दिनों प्रदेश के कुछ हिस्सों में आकस्मिक बारिश की स्थिति उत्पन्न् हुई है। इसके कारण कुछ खरीदी केन्द्रों के फड़ के गीले होने की स्थिति निर्मित हुई है।
खरीदी केंद्रों में इसका सीधा असर पड़ा है। बारिश की स्थिति को देखते हुए कई केंद्रों में 2 और 3 जनवरी को धान खरीदी नहीं हो सकी है। इस स्थिति से निपटने के लिए किसानों को 2 और 3 जनवरी को धान बेचने हेतु जारी टोकन के पुर्नव्यवस्थापन की व्यवस्था की गई है।
शासन द्वारा पंजीकृत किसानों के धान की निर्धारित पात्रता अनुसार खरीदी की समुचित व्यवस्था की गई है। किसान अपना धान पुन: टोकन जारी कराकर खरीदी केन्द्रों में लाकर विक्रय कर सकते हैं। बता दें कि राज्य में अपना धान बेचने के लिए अभी भी किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
धान खरीदी देरी से शुरू होने के बाद अब मौसम के बिगड़े मिजाज की वजह से लोग अपनी फसल बेच नहीं पा रहे हैं। कई किसान खरीदी केंद्रों तक धान लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन मौसम की वजह से खरीदी न होने के चलते उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है। टोकन की व्यवस्था के आधार पर किसान अगले दिन फिर मंडी आकर अपना धान बेच सकेंगे।