रायपुर. छत्तीसगढ़ में अभी लॉकडाउन नहीं (No Lockdown in Chhattisgarh) लगेगा, लेकिन रात नौ बजे के बाद बाजार पूरी तरह बंद हो जाएंगे। होटल व रेस्टोरेंट को रात 10 बजे तक खोलने की छूट रहेगी। साथ ही वे रात 11 बजे तक होम डिलीवरी कर सकेंगे। सुबह 6 बजे तक लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होगी। इस संबंध में अंतिम फैसला कलेक्टर लेंगे। बस्तर और सरगुजा संभाग में संक्रमण कम होने की वजह से राहत मिलेगी, लेकिन बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बेमेतरा जिले में यह सख्ती से लागू होगा। यह फैसला रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय उच्च स्तरीय समिति की बैठक में लिया गया।
सरकार ने इस फैसले से पहले उद्योगपतियों और चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों से भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए चर्चा की। बैठक में मंत्रिमंडल के तमाम सहयोगियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक के बाद कृषि मंत्री रविन्द्र चौब ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि लॉकडाउन कर औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को प्रभावित करने की इच्छा नहीं है, लेकिन जनमानस को नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को यह भी निर्देश दिए है कि वहां आने वाले लोगों की जांच होनी चाहिए। चैम्बर के पदाधिकारियों ने भी मदद करने की बात कही है। उन्होंने बताया कि त्योहार के बाद स्थिति क्या बनती है, उस पर मुख्यमंत्री फिर समीक्षा करेंगे।
सरकार का कोरोना संक्रमण रोकने इन तीन पर ज्यादा फोकस
मंत्री चौबे ने इस बात को स्वीकार किया है कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए तीन मोर्चें पर हम लोगों को बहुत मेहनत करते हुए सख्ती से काम करना है। जो इस प्रकार हैं-
टीकाकरण- जिस इलाके में टीकाकरण का प्रतिशत कम है, उन इलाकों में बहुत तेजी से वैक्सीनेशन को बढ़ाएंगे। टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगरीय निकायों के कर्मचारियों और शिक्षकों आदि की भी ड्यूटी लगेगी। गांवों में टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए सरपंचों और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिए जाएगा।
होंगी नियुक्तियां- जिन जिलों में तेजी से संक्रमण फैल रहा है, वहां मैन पावर और बजट बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वॉक इन इंटरव्यू के जरिए पैरामेडिकल और डॉक्टर की नियुक्ति की जाए। बड़े शहरों बेड की कमी को दूर करने ऑक्सीजन और वैंटीलेटर वाले बेड बढ़ाए जाएंगे। आईसीओ में 1000 बेड बढ़ेंगे। इसमें करीब 60 करोड़ रुपए सालाना खर्च आएगा।
सख्ती और कंटेनमेंट जोन- कोरोना संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है। उन शहरों और गांवों में कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। होम आइसोलेशन का कड़ाई से पालन करना होगा। लापरवाही बरतने वालों पर सख्ती से कार्रवाई होगी। सभी सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करने कलेक्टर अब सख्ती करेंगे। इसके लिए कलेक्टरों को पूरा अधिकार दे दिया गया है।