इंदौर। रेड जोन में शामिल इंदौर में लॉकडाउन खोलने के लिए भी विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है। शिक्षा, मेडिकल, उद्योग, कारोबार हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग स्टैडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) के तहत योजना तैयार की जा रही है। जल्द ही इसका कार्य पूरा कर लिया जाएगा और चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जाएगा। यह कहना है सांसद शंकर लालवानी का। ‘नईदुनिया’ से चर्चा में सांसद ने लॉकडाउन के पहले और आने वाले इंदौर की स्थिति पर चर्चा की।
कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में शुरुआती समय में लापरवाही बरती गई, आप क्या मानते हैं?
– यह सही है। तत्कालीन अफसरों ने तमाम एडवाइजरी और निर्देश जारी होने के बाद भी कोरोना की गंभीरता को नहीं समझा। जिस वक्त कोरोना से लड़ने की कार्ययोजना तैयार करनी थी, अधिकारी आइफा के लिए जगह तलाश रहे थे। डॉक्टरों, अस्पताल और दवाइयों की व्यवस्था करने के बजाय फिल्मी सितारों की जगह तलाशी जा रही थी। यदि शुरुआती दौर में ध्यान रख लिया जाता तो इंदौर की तस्वीर कुछ और होती।
लॉकडाउन 4.0 के बाद जैसे ही शहर खुलेगा, कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है, इसे रोकने के क्या इंतजाम हैं?
– हम लॉकडाउन 4.0 के पहले ही शहर को नियंत्रित तरीके से खोलने का प्रयास शुरू कर चुके हैं। फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र को खोला गया है। इसके बाद शहर के बाहरी क्षेत्र और सीमावर्ती इलाकों को खोला जाएगा। फिर शहर के मध्यक्षेत्र को खोलने की योजना है। पहले दैनिक उपयोग की जरूरतों वाले कारोबार खोले जाएंगे। बाद में धीरे-धीरे अन्य गतिविधियां तय नियमों के अनुसार शुरू होंगी।
कोरोना संक्रमण को लेकर इंदौर की स्थिति को किस तरह देखते हैं?
– हम बहुत बुरे हालात से उबरे हैं। अभी हमें लंबा सफर तय करना है। अब भी पाॉजिटिव मरीजों की जो संख्या रोजाना आ रही है, उसे लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।
इंदौर को लेकर आगे क्या कार्ययोजना है?
– फिलहाल तो यही स्थिति है कि कोरोना के साथ ही जीना सीखना होगा। हर क्षेत्र को अपने यहां व्यापक बदलाव करने होंगे। स्कूल-कॉलेजों को तय करना होगा वे विद्यार्थियों को सुरक्षित तरीके से कैसे बैठाएंगे, कैसे परीक्षा लेंगे। इसके लिए हम क्षेत्रवार एसओपी भी बना रहे हैं। क्षेत्र के विशेषज्ञों से भी बात कर रहे हैं ताकि सभी एसओपी के अनुसार ही उद्योग-कारोबार आदि शुरू कर सकें।
कोरोना से लड़ने में क्या कमियां हैं जिन्हें दूर किए जाने की तत्काल आवश्यकता है?
– सबसे पहले केंद्र और राज्य की मदद से इंदौर में मेडिकल सुविधा को और पुख्ता व बेहतर करना है। इस दिशा में लगातार काम कर रहा हूं। राज्य सरकार से भी रोजाना बात होती है। जहां भी जो भी कमी नजर आती है, जिला प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र सरकार हर स्तर पर बात करके उसे दूर करने का प्रयास करते हैं।