सुपर बाजार बंद होने से होम डिलीवरी अटकी, अघोषित किल्लत से बढ़े दाम

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रायपुर। कोरोना संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में थोड़ी राहत देते हुए गली मुहल्लों की दुकानों को खोलने की अनुमति दी है, लेकिन सुपर बाजारों में चल रही होम डिलीवरी पर रोक लगा दी है। इसकी वजह से परेशानी और बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने की वजह से सैकड़ों उपभोक्ताओं की होम डिलीवरी अटकी हुई है। व्यापारियों का कहना है कि बहुत सी ऐसी दुकानें है, जिनका सुपर बाजार के नाम से रजिस्ट्रेशन है, लेकिन नियम की वजह से होम डिलीवरी भी बंद है।

होम डिलीवरी अटकने के साथ ही इन दिनों आटा, मैदा, सूजी आदि की अघोषित रूप से किल्लत पैदा हो गई है और इनकी कीमतों में भी बढ़ोतरी हो गई है। खाद्य तेलों के दाम तो पहले ही 20 रुपये लीटर बढ़ा दिए गए हैं। दालों की कीमतों में पांच रुपये किलो तक की तेजी है। अब ब्रांडेड आटा व मैदा के दाम भी बढ़ गए हैं। बताया जा रहा है कि पांच किलो के पैकेट (ब्रांडेड आटा) की कीमतों में 10 रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई है। साथ ही लोगों को उनका पसंदीदा ब्रांड भी नहीं मिल रहा है।

मोबाइल व लैपटाप आवश्यक श्रेणी में रखा जाए

मोबाइल कारोबारियों का कहना है कि मोबाइल व लैपटाप को भी आवश्यक श्रेणी में रखा जाए। इसके लिए छत्तीसगढ़ मोबाइल एसोसिएशन ने कलेक्टर को पत्र भी लिखा है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश वासवानी ने कहा कि आज के समय में पूरा विश्व डिजिटल हो गया है। कोरोना के दौरान सारे काम मोबाइल व लैपटाप के जरिए आनलाइन हो रहे है। आनलाइन बुकिंग करना, दवाइयां मंगवाना, पढ़ाई आदि सभी काम मोबाइल से हो रहे है। ऐसे में मोबाइल के व्यापार को भी आवश्यक श्रेणी में रखा जाए।a