बिलासपुर ।CG News एक हजार करोड़ के घोटाले की जांच से सीबीआई को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की मशक्कत काम नहीं आई। राज्य शासन को हाई कोर्ट की स्पेशल डिवीजन बेंच से करारा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने शासन के रिव्यू पिटीशन को लेकर तल्ख टिप्पणी के साथ याचिका खारिज कर दिया है। इसके साथ ही यह तय हो गया है कि घोटाले की जांच सीबीआई ही करेगी।
जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने समाज कल्याण विभाग में कागजी एनजीओ के जरिये एक हजार करोड़ स्र्पये के घोटाले में शामिल एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है।
हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने अज्ञात के खिलाफ जुर्म दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसी बीच राज्य शासन ने डिवीजन बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए रिव्यू पिटीशन दायर की थी। महाविक्ता ने कोर्ट के समक्ष सीबीआई के बजाए राज्य पुलिस को जांच का जिम्मा सौंपने की मांग की थी।
महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच से मांग की थी कि राज्य पुलिस द्वारा इस मामले की किए जाने वाली जांच को हाई कोर्ट अपनी निगरानी में रखे। महाधिवक्ता के तर्क के बाद डिवीजन बेंच ने रिव्यू पिटीशन दायर करने के संबं में सवाल किया था कि ऐसा कौन सा कारण है जिसके चलते इस गंभीर मामले में राज्य शासन को रिव्यू पिटीशन दायर करना पड़ा। कोर्ट ने यह भी कहा कि घोटाले से बढ़कर यह सुनियोजित षड्यंत्र है।
ढांढ की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट में अब होगी सुनवाई
पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर डिवीजन बेंच के फैसले को चुनौती दी है। उनकी एसएलपी पर 13 फरवरी को सुनवाई होगी । याचिकाकर्ता कुंदन सिंह ने अपने वकील देवर्षि ठाकुर के जरिये पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर दी है।