कानपुर । मेडिकल कॉलेजों में तमाम सख्ती और अनुशासन का पाठ पढ़ाए जाने के बावजूद छात्रों की अराजकता थम नहीं रही है। इटावा में जूनियर छात्रों का सिर मुंडवाने और मुर्गा बनाए जाने की घटना के बाद अब जीएसवीएम में छात्रों ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। कॉलेज के ऑडिटोरियम में फ्रेशर्स पार्टी में एमबीबीएस के सीनियर छात्रों ने जमकर हंगामा किया और कुर्सियां तोड़ डालीं, इतना ही हॉस्टल में छात्रों के बीच भिड़ंत हो गई। प्राचार्य ने पैरा एम-2 बैच के छात्रों पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और जुर्माना न जमा करने पर क्लास अटेंड करने की अनुमति नहीं देने की चेतावनी दी है।
मेडिकल कॉलेज आडिटोरियम में सोमवार देर रात नए एमबीबीएस छात्र-छात्राओं के पैरा के-2 बैच के स्वागत में फ्रेशर पार्टी आयोजित की गई। जब तक कॉलेज की प्राचार्य एवं फैकल्टी मौजूद रही, रंगारंग सांस्कृति कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा। कार्यक्रम के बाद नए छात्र-छात्राओं को हॉस्टल पहुंचाने के बाद फैकल्टी भी वहां से चली गई। फैकल्टी के जाते ही सीनियर छात्र नशेबाजी में उतर आए। उसके बाद आडिटोरियम में बेकाबू होकर हंगामा करने लगे।
रात 11 बजे छात्रों ने आडिटोरियम के अंदर जमकर तोडफ़ोड़ की, जिससे कुर्सियां टूट गईं। दरवाजों पर लात मारकर कुंडियां भी उखाड़ दीं। जब उन्हें आडिटोरियम से कर्मचारियों ने हटाया तो वह अपने हॉस्टल में जाकर हंगामा करने लगे। अपने साथियों से ही भिड़ गए। देर रात तक हॉस्टल में अफरातफरी का माहौल रहा। जैसे ही प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी को हंगामे की जानकारी हुई, उन्होंने सुबह प्रॉक्टर प्रो. जीडी यादव एवं अधिकारियों से पूरे प्रकरण की जांच कराई। जांच में एमबीबीएस के पैरा एम-2 के छात्रों का नाम सामने आया है। उन्होंने इस बैच के प्रत्येक छात्र पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
जुर्माना वसूलने की दी जिम्मेदारी
प्राचार्य प्रो. आरती लालचंदानी ने छात्रों से जुर्माना वसूलने की जिम्मेदारी डॉ. सुनीति पांडेय, डॉ. चित्रा एवं डॉ. आनंद नारायण सिंह को सौंपी है। ये पैसा मेडिकल कॉलेज के आडिटोरियम अकाउंट में जमा किया जाएगा ताकि उसकी मरम्मत कराई जा सके। प्राचार्य ने बताया कि अगर छात्र 24 घंटे के अंदर जुर्माने की राशि जमा नहीं करते और लिखित में माफी नहीं मांगते तो उन्हें पहले निलंबित और फिर निष्कासित किया जाएगा।