महंगाई से मुंह मत मोड़ो और कम नहीं कर सकते तो कुर्सी छोड़ो- पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय

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रायपुर। आज आम जनता से हम आजाद भारत की सबसे संवेदनहीन और सितमगर सरकार के सरोकार पर बात करने आए हैं। कहते हैं कि जब सत्ता में लूट के किरदार बैठ जाएं, तो जनता की आमदनी कम और दिन महंगे हो जाते हैं। आज देश की मोदी सरकार सिर्फ सत्ता की भूख मिटा रही है और कमरतोड़ महंगाई से 140 करोड़ देशवासियों की आय लूटती जा रही है।

आज देश में भराने का तेल (पेट्रोल) 100 रुपये पार, खाने का तेल 200 रुपये पार, खाना पकाने के लिए जरूरी रसोई गैस की कीमत 850 रुपये पार हो गई है। ऐसी रही बेशर्म और महंगी मोदी सरकार। केंद्रीय भाजपा सरकार ने ‘प्रजातंत्र की परिभाषा’ ही बदल दी है। जनता को महंगाई की ‘आग में झोंककर’ अंतिम पंक्ति में खड़े आमजन की आमदनी को मोदी सरकार नोच रही है और बस अपने धन्ना सेठ दोस्तों की सोच रही है। सच यह है कि ‘महंगाई डायन’ अब भाजपाइयों को ‘‘अप्सरा’’ सी नजर आने लगी है।

पेट्रोल-डीजल की लूट के तथ्य देखें

  1. आज दिल्ली सहित 200 से अधिक शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गई है। डीज़ल की कीमत 90 प्रति लीटर को छू रही है। एक जनवरी 2021 से सात जुलाई 2021 तक ही मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमत 69 बार बढ़ाई।
  2. अप्रैल 2014 से जून 2021 तक मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की लूट से 25,000,000,000,000 करोड़ रु. (25 लाख करोड़ – 24,94,122 करोड़) कमाए।
  3. मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी सात साल में 258 प्रतिशत बढ़ाई और डीजल पर 820 प्रतिशत बढ़ाई। मई, 2014 में पेट्रोल पर केंद्रीय एक्साइजड्यूटी 9.20 रुपये प्रति लीटर थी, जो आज 23.78 प्रति लीटर है। मई 2014 में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.46 रुपये प्रति लीटर थी, जो आज 28.37 रुपये प्रति लीटर है। साल 2014-15 में केंद्र सरकार एक्साइज से सालाना 99,068 करोड़ रुपये इकट्ठा करती थी। साल 2020-21 में पेट्रोल-डीजल से एकत्रित होने वाली एक्साइज ड्यूटी राशि बढ़कर 4,51,000 करोड़ रुपये हो गई।
  4. अकेले कोरोना काल में ही भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर 13 प्रति लीटर और डीजल पर 16 रुपये प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ाई। पिछले दो महीने में ही मोदी सरकार ने पेट्रोल की कीमत 9.81 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 8.80 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है।
  5. कांग्रेस-यूपीए सरकार के मुकाबले मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में कच्चे तेल के दाम साल दर साल घटते गए और 140 करोड़ देशवासियों की जेब काटकर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते गए। निम्नलिखित चार्ट देखें :-

पिछले 11 साल में भारत द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल के दाम

वर्ष क्रूड ऑयल का औसत दाम (डॉलर प्रति बैरल)

2010-11 85.09

2011-12 111.89

2012-13 107.97

2013-14 105.52

2014-15 84.16

2015-16 46.17

2016-17 47.56

2017-18 56.43

2018-19 69.88

2019-20 60.47

2020-21 44.82

मोदी सरकार के ‘चाल, चेहरे और चरित्र’ को एक ही वाक्य में परिभाषित किया जा सकता है कि ‘‘बेरोज़गारी-महंगाई से बैर नहीं, पर प्रगति-तरक्की की खैर नहीं’’।