बिलासपुर. राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई में जांच के लिए सात बिंदु कोर्ट ने तय कर दिए हैं। वहीं कोर्ट ने सरोज पांडेय को मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय दिया है।
सरोज पांडेय के निर्वाचन को चुनौती देते हुए लेखराम साहू ने याचिका दायर की है। इस मामले में अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया की मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जांच के लिए सात बिंदु गुरुवार को तय कर दिए हैं।
इसमें प्रमुख चार बिंदु में पहला बिंदु क्या सरोज पांडेय के नामांकन पत्र दाखिल करने में जो प्रस्तावक थे वो लाभ के पद पर थे। दूसरा बिंदु क्या ऐसे विधायकों को वोट डालने दिया गया जो लाभ के पद पर थे। सुदीप श्रीवास्तव का कहना है कि ऐसे 18 विधायक थे जो लाभ के पद पर थे। वहीं तीसरा बिंदु ये शामिल किया गया है कि क्या सरोज पांडेय ने अपने शपथपत्र में अपने घर का पता गलत बताया है क्या अपने एक बैंक एकाउंट की जानकारी छुपाई है। वहीं चौथे बिंदु में ये तय किया गया है कि क्या निर्वाचन आयोग वोटिंग के पूर्व लाभ के पद पर होने वाली शिकायत की जांच को बाध्य था।
दस दिन का दिया समय
अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि कोर्ट ने हमारी ओर से पेश किए गए दस्तावेज को स्वीकार कर लिया है। वहीं सरोज पांडेय को तीन हफ्ते का समय दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए दिया गया है। इसके बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।