भोपाल : दमोह सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस हर दांव आजमाने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने जातिगत समीकरण साधने के साथ ही रामनाम का सहारा लेने की भी तैयारी की है। राजनीतिक दल भले ही जातिगत समीकरणों के आधार पर चुनाव लडऩे की बात से इनकार करें लेकिन दमोह में कुछ जाति वर्ग का बड़ा प्रभाव माना जाता है और पार्टियां इनको ही ध्यान में रख उपना उम्मीदवार उतारती आई हैं। कमलनाथ ने दमोह के दंगल में दर्जन भर नेताओं की फौज उतारी है जो जीत के इस अहम सूत्र को पकडकऱ काम करने लगे हुए हंै। अलग-अलग वर्ग के लिए अलग-अलग प्रभावशाली नेताओं को लगाया गया है। कमलनाथ खुद भी मंगलवार को दमोह जा रहे हैं जहां वे बांदकपुर और इमलिया पहुंचेंगे। भगवान की पूजा अर्चना के बाद कांग्रेस नेताओं की बैठक भी लेंगे।
इस तरह साधे जा रहे समीकरण :
कांग्रेस ने दमोह उपचुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए जो योजना तैयार की है उसके हिसाब से यहां 14 फीसदी लोधी वोटरों को लुभाने के लिए रामसिया भारती, साधना भारती, प्रताप लोधी को पार्टी ने जिम्मेदारी सौंपी है। 11 फ़ीसदी जैन वोटरों को साधने के लिए पूर्व विधायक निशंक जैन की ड्यूटी लगाई है। 11 फीसदी एससी वोटरों के समर्थन के लिए पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया,सज्जन सिंह वर्मा, फूल सिंह बरैया और सुरेंद्र चौधरी जैसे नेता दमोह में डेरा डाले हुए हैं। कुर्मी वोटरों के लिए विधायक कमलेश्वर पटेल को जिम्मा दिया गया है। आदिवासी वोटों के लिए विधायक कांतिलाल भूरिया और ब्राहमण वोटों के लिए मुकेश नायक,राजा पटैरिया और जिला अध्यक्ष मधु मिश्रा को लगाया गया है।
रामसिया भारती की रामकथा :
कांग्रेस दमोह सीट पर राम नाम का जाप करने की तैयारी में भी है। इसके लिए पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों में कथा वाचक साध्वी राम सिया भारती का नाम शामिल किया है। पार्टी की कोशिश है कि बड़ा मलहरा के उपचुनाव में कांग्रेस की उम्मीदवार रही राम सिया भारती को दमोह के उपचुनाव में पार्टी प्रचारक के तौर पर उतारकर माहौल बनाया जाए। साध्वी राम सिया भारती एक अच्छी कथा वाचक हैं और पार्टी चाहती है की राम सिया भारती के राम नाम का इस्तेमाल दमोह के उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में हो।