भाजपा ने कहा, छत्तीसगढ़ में बोरे के नाम पर किसान की जेब पर डाका

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रायपुर । राज्य में बारदाने की कमी के बाद अब भाजपा ने धान खरीदी में हर बोरे पर एक किलो ज्यादा लेने पर सरकार को घेरा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि भूपेश सरकार किसानों की जान की दुश्मन बन गई है। गरीब किसानों के साथ कदम-कदम पर लूटमार हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में धान खरीदी केंद्रों में किसान से प्रति बोरा एक किलो धान ज्यादा लिया जा रहा है। क्या यह पुरौनी उत्तर प्रदेश चुनाव फंड के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर ली जा रही है?

साय ने कहा कि बोरे के नाम पर किसानों की जेब पर डाका डाला जा रहा है। उसे बोरे की तय रकम से कम राशि दी जा रही है। इतने से भी सरकार का पेट नहीं भर रहा, तो प्रदेश भर में आरटीओ के जरिए किसान से अवैध वसूली भी कराई जा रही है। साय ने कहा कि किसान धान बेचने खरीदी केंद्र पहुंचता हैं, तो रास्ते में आरटीओ की वसूली गैंग को दक्षिणा देकर ही पहुंच पाता है। उसे तरह-तरह से प्रताड़ित करके उप्र चुनाव फंड में अंशदान करने विवश किया जा रहा है।

किसान पहले ही धान भीग जाने से परेशान है। सरकार न उचित मुआवजा दे रही और न भीगा धान खरीद रही। किसानों के नाम पर तीन साल से ओछी राजनीति कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों के साथ लगातार छलकपट कर रहे हैं। कर्ज माफी का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस ने सबसे पहले तो इसी मामले में किसानों को धोखा दिया। फिर किसानों की जिस जमीन को लौटाने का राग भूपेश अलापते हैं, वह तो प्रक्रिया के तहत बस्तर के किसानों को मिलनी ही थी। मुख्यमंत्री बघेल में थोड़ी सी भी गैरत बची है, तो किसान न्याय का नगाड़ा बजाने की बजाय किसान के साथ हो रहे अन्याय, अत्याचार और लूटमार को बंद करें।

चावल घोटाले की सीबीआइ जांच की करें सिफारिश: चौधरी

प्रदेश भाजपा मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि धान खरीदी के लिए पैसे से लेकर बारदाना, तिरपाल और मजदूरी का सारा व्यय केंद्र सरकार वहन करती है। मुख्यमंत्री बघेल केंद्र के पैसों से तिरपाल खरीदने की जगह धान को बारिश में बर्बाद करते हैं। नुकसान के आकलन का ड्रामा करते हैं और दूसरी तरफ मिलरों से साठगांठ करके करोड़ों रुपये का धान मिलरों के हवाले किया जा रहा है। यह सीधे तौर पर धान और चावल घोटाला है। इस चावल घोटाले की सीबीआइ जांच की जरूरत है। यदि चावल घोटाले में कांग्रेस सरकार की नीयत साफ है तो वह तत्काल सीबीआइ जांच की सिफारिश करे।