5,000 फीट की ऊंचाई पर दम घुटने लगा, देखिए VIDEO
जबलपुर। स्पाइसजेट के
विमान में धुआं भरने के बाद शनिवार सुबह दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई है। दिल्ली-जबलपुर फ्लाइट के केबिन में जब धुआं दिखा, तब प्लेन 5 हजार फीट की ऊंचाई पर था। इस फ्लाइट ने दिल्ली एयरपोर्ट से सुबह 6:15 पर उड़ान भरी थी। कुछ मिनिट बाद विमान में चिंगारी उठी और प्लेन के भीतर धुआं भर गया। धुआं भरते ही यात्रियों का दम घुटने लगा। एसी बंद हो जाने से यात्री परेशान हो गए। फ्लाइट की वापस दिल्ली एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। इसमें 60-70 यात्री थे। सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
एक यात्री ने बताया कि टेकऑफ के करीब 15 मिनिट बाद ही प्लेन में चिंगारी निकली और धुआं भर गया। सांस लेने में तकलीफ हुई तो यात्री मैगजीन और कपड़े धुआं उड़ाते रहे। इस फ्लाइट के डुमना एयरपोर्ट जबलपुर आने का समय सुबह 8:30 बजे का है। इमरजेंसी लैंडिंग के बाद यात्रियों से 10:00 बजे तक दूसरे फ्लाइट से जबलपुर भेजने का कहा था। दूसरी फ्लाइट 10:30 बजे दिल्ली से जबलपुर के लिए टेकऑफ हुई।
प्लेन क्लाइंबिंग स्टेज पर थी फ्लाइट
फ्लाइट में जब धुआं भरा तब वह क्लाइंबिंग स्टेज में थी। यानी लगातार ऊंचाई की तरफ जा रही थी। धुआं दिखने के बाद यात्री घबरा गए उनमें चीख-पुकार मच गई। इमरजेंसी लैंडिंग के बाद में विमान को खाली कराया गया।
स्पाइसजेट ने घटना की वजह नहीं बताई
इस घटना के बाद स्पाइसजेट की तरफ से बयान जारी किया गया। उसमें इमरजेंसी लैंडिंग और मुसाफिर के सुरक्षित होने की बात तो कही गई, लेकिन हादसे की वजह नहीं बताई गई है। हालांकि, दिल्ली एयरपोर्ट अथॉरिटी ने जांच की बात कही है।
पटना में भी हुई थी इसी तरह की घटना
13 दिन पहले यानी 19 जून को बिहार की राजधानी पटना में भी स्पाइसजेट के विमान में अचानक धुआं निकलने लगा था, जिसके बाद उसे भी इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी। उस वक्त शुरुआती जांच में बर्ड हिट का मामला सामने आया था।
स्पाइस जेट की लापरवाही बताया था
पटना में स्पाइसजेट की विमान लैंडिंग मामले में यात्रियों ने बड़ा दावा किया था। लैंडिंग के समय विमान की 18 नंबर सीट पर बैठी एक युवती शिब्बु सुमन ने कहा था कि टेकऑफ के वक्त ही इंजन से अजीब सी आवाज आ रही थी। यह नॉर्मल साउंड से अलग थी। उसने बताया कि 18 से 22 नंबर सीट के पास ही विमान के विंग्स थे। वहीं से बहुत तेज आवाज आ रही थी। सुमन ने यह दावा भी किया कि विमान से पक्षी नहीं टकराया था, बल्कि यह मेंटेनेंस की प्रॉब्लम थी।