भोपाल। इंदौर के होटल कारोबारी से 25 लाख की फिरौती मांगने वालों का कनेक्शन पाकिस्तान और मूसेवाला हत्याकांड से जुड़ रहा है। शिप्रा पुलिस ने दो आरोपियों को बिहार से पकड़ा है। मुख्य आरोपी को पंजाब पुलिस एक अन्य फिरौती के मामले में एक दिन पहले ही उठाकर ले गई। इंदौर पुलिस का कहना है कि सरगना को पंजाब से प्रोडक्शन वारंट पर इंदौर लाया जाएगा। पुलिस आरोपियों की सिम और बैंक अकाउंट की डिटेल निकालकर जांच कर रही है।
ग्रामीण SP भगवत सिंह बिरदे ने बताया कि इंदौर-देवास बायपास पर रिजेंटा होटल के मालिक दिनेश वर्मा को 1 अगस्त को मैसेज कर फिरौती मांगी गई थी। दिनेश वर्मा पुलिस के पास पहुंचे तो पुलिस ने फोन लगाने के लिए कहा। बातचीत के दौरान पुलिस मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करती रही। आरोपियों की लोकेशन मोतिहारी बिहार की मिली। इसके बाद पुलिस दोनों को गिरफ्तार करने बिहार पहुंची। यहां से अजरदीप और उसके मौसरे भाई राहुल को गिरफ्तार किया है।
मुख्य आरोपी को ले गई पंजाब पुलिस
एसपी बिरदे के मुताबिक आरोपियों ने प्रिंस सिंह पुत्र सुरेन्द्र सिंह ठाकुर का नाम भी बताया। राहुल ने बताया कि प्रिंस ने राहुल के नाम से सिम लेकर इंदौर के दिनेश वर्मा को कॉल किया था। अजरदीप को 5 हजार रुपए देकर बैंक अकाउंट खुलवाया था।
अंतरराज्यीय गैंग का सदस्य है प्रिंस
पंजाब पुलिस के उपायुक्त मुखविंदर सिंह भुल्लर के बयान में पता चला है कि प्रिंस अंतरराज्यीय गैंग का सदस्य है। इस गैंग ने हाल के दिनों में डॉक्टरों, राजनेताओं और व्यापारियों से पैसे वसूलने और हेराफेरी करने के लिए 150 बैंक अकाउंट खुलवाए थे। ये बैंक अकाउंट दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सहित नेशनलाइज बैंकों में खोले गए थे। हालांकि, पंजाब पुलिस ने दूसरे राज्यों की पुलिस की मदद से इनमें से अधिकांश खातों को फ्रीज करवा दिया है। बाकी खातों की जांच चल रही है।
पाकिस्तान से जुड़े हैं आरोपियों के तार
पुलिस के मुताबिक आरोपियों का नेटवर्क पाकिस्तान से भी जुड़ा है। आरोपी एक वॉट्सऐप आईडी बनाते थे। फिर इंटरनेट के जरिए कॉल करते थे। इनमें से कई बार पाकिस्तानी नंबर भी रहते थे। वे खुद को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और जग्गू भगवानपुरिया का सहयोगी बताते थे। मूसेवाला हत्याकांड की जांच के दौरान पंजाब पुलिस ने बिश्नोई और भगवानपुरिया को गिरफ्तार किया था।
पॉप सिंगर की हत्या के बाद पुलिस हुई थी सक्रिय
प्रसिद्ध पंजाबी पॉप सिंगर सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े हत्या के बाद अमृतसर पुलिस के पास रंगदारी की शिकायतों का ढेर लग गया था। पीड़ितों में व्यापारी, डॉक्टर और यहां तक कि राजनेता भी शामिल थे। इसे लेकर पुलिस ने एक टीम बनाई थी। जिसकी जिम्मेदारी दो बड़े अफसरों को दी गई थी।