भोपाल – मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार नई रेत नीति 2023 लाने जा रही है। मसौदा तैयार होने के बाद अगले साल लागू किया जा सकता है। नई रेत नीति में ठेकेदारों को कम से कम 5 वर्षों के लिए खदानों का ठेका दिए जाने का प्रावधान होगा। रेत खनन से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव, नदी के आकार में होनेवाला परिवर्तन और आसपास के क्षेत्र में रहने वाली जनसंख्या पर होनेवाले असर की भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि रिपोर्ट आने के बाद आनेवाले समय में रेत खदानों के लिए ठेके का आवंटन किया जाएगा।
वर्तमान में अलग-अलग महीने के हिसाब से और कम वर्षों के लिए ठेके दिए जाने का नियम है। नई रेत नीति 2023 में अन्य बदलाव की बात भी की गई है। खनिज विभाग के सूत्रों का मानना है कि इस बार रेत चोरी और रॉयल्टी चोरी की जांच के लिए नाके लगाने का प्रावधान किया जाएगा। मध्य प्रदेश की सभी रेत खदानें नियम 2019 के अनुसार नीलाम की गई थी। हालांकि, पिछले तीन वर्षों में पूरी तरह से रेत खदानों की नीलामी नहीं हो पाई है। रेत खदानों की नीलामी नहीं होने से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।करीब एक दर्जन से अधिक जिलों में रेत खदानें नहीं चल पाने के कारण ठेकेदारों ने सरेंडर कर दिया है। इसलिए ठेकेदारों के सरेंडर रेत खदानों को भी दोबारा नीलाम किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश की 14 जिलों में रेत खदानों का ठेका 9 माह के लिए दिया गया था। जानकारों की माने तो पुरानी नीति की खामियों को दुरुस्त करने का प्रयास भी किया जा रहा है। फिलहाल, नई रेत खनन नीति के अगले साल तक आने की संभावना है।
रेत नीति के बदलाव को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि मध्य प्रदेश में सरकार किसी भी तरीके के अवैध धंधे को नहीं चलाने की अनुमति देगी, जो भी अवैध रूप से काम करेगा। सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। इसके लिए यह सरकार नई रेत नीति लेकर आ रही है। वहीं कांग्रेस ने सरकार पर हमला किया है। सरकार भले ही अवैध उत्खनन को लेकर सख्त कदम उठाती है लेकिन हालात जस के तस हैं। लगातार अवैध उत्खनन के मामले हर साल भर से आ रहे हैं। ऐसे में नई रेत नीति में भला किस तरीके बदलाव होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
मध्य प्रदेश में अवैध खनन को लेकर अब तक हुई कार्रवाई
साल -2022 की रिपोर्ट
मामले केस
– अवैध खनन 353
– अवैध भंडारण 634
– अवैध परिवहन। 2077
अवैध खनन की 11 साल की रिपोर्ट
साल केस
– 2010 14
– 2011. 391
– 2012. 194
– 2013. 439
– 2014. 592
– 2015. 734
– 2016. 780
– 2017. 742
– 2018. 1534
– 2019. 2139
– 2020. 1239
– 2021. 1034
बहरहाल, नई रेत नीति बनाने के लिए सरकार पड़ोसी राज्यों से भी संपर्क कर रही है। पिछले कई सालों में नीति परिवर्तन के बाद भी प्रदेश में अवैध उत्खनन के मामले सामने आए हैं। बीते 10 साल की रिपोर्ट बताती है कि नीति की परिवर्तन होने के बाद भी अवैध खनन रुका नहीं है, बल्कि हर साल बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि नीति में बदलाव करने से अवैध खनन बंद होगा या नहीं, सरकार का जरूर दावा है कि आगामी नई नीति में जरूर अवैध खनन का काला कारोबार खत्म होगा लेकिन आंकड़े सरकार के दावों की पोल खोलती हैं।