कोतमा। आंगनबाड़ी केंद्रों की अव्यवस्थाओं को दूर करने प्रदेश एवं केंद्र सरकार पैसा पानी की तरह बहा रही है, लेकिन कुछ भ्रष्ट शासकीय अधिकारी ही शासकीय योजनाओं को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। जमीनी हकीकत में आंगनबाड़ी केंद्रों में फैली अव्यवस्थाएं दूर होने का नाम नहीं ले रहीं। मुख्यालय बदरा क्षेत्र अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर भारी अव्यवस्थाओं व्याप्त हैं। नौनिहाल को जहां पोषण आहार, प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था शासन द्वारा की जा रही है, वहीं दूसरी ओर नौनिहाल के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन द्वारा निर्धरित मापदंडों के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में न तो नाश्ता व भोजन मिलता है और न ही पोषण आहार। बच्चों को दिया जाने वाला पोषण आहार चोरी छिपे बेच दिया जाता हैं और कागजों में सब मेनटेन किया जाता है। समय पर कभी आंगनबाड़ी तो खुलती नहीं और कार्यकर्ता मनमर्जी से काम करते हैं। नगर पालिका पसान क्षेत्र के वार्डों में संचालित आंगनबाड़ियों का और भी बुरा हाल है। कुछ जगहों पर किराए के मकान में आंगनबाड़ी चल रही हैं। पसान नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में पानी शुद्ध करने के लिए मशीन तो लगवा दी गई हैं, यह मशीनें बंद पड़ी हुई हैं और इन्हें देखने वाला कोई नहीं है। पर्यवेक्षक को जब इसकी शिकायत की जाती है तो वह खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ लेती है। कुछ आंगनबाड़ी केंद्र में बिजली का कनेक्शन तक नहीं है और न ही टेबल कुर्सी की कोई व्यवस्था है।