भोपाल। शिवराज सरकार प्रदेश में आदिवासियों को साहूकारों के चंगुल से बचाने के लिए मध्य प्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक-2020 लाएगी। इसके तहत 15 अगस्त 2020 तक 89 अधिसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को गैर लाइसेंसी साहूकार से लिया कर्ज नहीं चुकाना होगा। अब साहूकार कर्ज अदायगी के लिए दबाव भी नहीं बना सकेंगे। यदि कर्ज के बदले में कोई वस्तु या दस्तावेज गिरवी रखे गए हैं तो उन्हें भी वापस लौटाना होगा। राजस्व विभाग ने विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे सितंबर में प्रस्तावित किए जा रहे विधानसभा के सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
साहूकारी व्यवस्था में बदलाव को केंद्र सरकार ने दी हरी झंडी
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार साहूकारी व्यवस्था में बदलाव को लेकर कदम उठा रही है। इसमें साहूकारी अधिनियम में संशोधन के साथ अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को कर्जमाफी देने के लिए नया कानून बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार से इसको लेकर हरी झंडी मिल चुकी है। दरअसल, अधिसूचित क्षेत्र में कोई भी प्रक्रियागत बदलाव करने से पहले केंद्र सरकार की अनुमति लेना जरूरी होता है। शिवराज सरकार ने इसके लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसे अनुमति मिल गई है। वहीं, साहूकारी अधिनियम में संशोधन को लेकर भी प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
मप्र अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक 89 आदिवासी बहुल विकासखंड में लागू होगा
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ऋण विमुक्ति विधेयक राज्य के 89 आदिवासी बहुल विकासखंड में लागू होगा। यहां अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति द्वारा गैर लाइसेंसी साहूकार से 15 अगस्त 2020 तक लिया गया कर्ज नहीं चुकाना होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर इसी तरह ऊंची ब्याज दर पर कर्ज मिलता है। इसके बदले में व्यक्ति जेवर, जमीन या अन्य वस्तु गिरवी रखता है। कर्ज न चुकाने पर ब्याज बढ़ता जाता है। बताया जा रहा है कि साहूकारी अधिनियम में संशोधन से जुड़े जो सुझाव केंद्र सरकार ने दिए थे, उन्हें पूरा कर प्रस्ताव भेज दिया गया है, जिस पर जल्द ही औपचारिक अनुमति मिलने की संभावना है।
साहूकारी अधिनियम में ये अहम बदलाव होंगे
-बिना लाइसेंस लेन-देन पर प्रतिबंध रहेगा।
-राज्य सरकार ब्याज की दरें तय करेगी
-लाइसेंस लेने की व्यवस्था को सरल बनाया जाएगा
-यदि कोई पंचायत साहूकारी की इजाजत नहीं देगी तो लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।
सरकारी और सहकारी कर्ज को भी माफ करें : तन्खा
उधर, कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने साहूकारी कर्ज को शून्य करने के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एलान पर ट्वीट कर कहा कि साहूकारी कर्ज शून्य करने का आदेश बहुत आसान निर्णय हैं। जनता को बोझ समझना सरकारों का अधिकार है। न्याय प्रिय हैं तो सरकारी और सहकारी कर्ज को माफ कीजिए। असली राहत तो तब होगी। जरा सोचिए, यह कोरोना काल है।
भाजपा सरकार ने हमेशा आदिवासियों के हितों का संरक्षण किया है। आदिवासियों और गरीबों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। नियमों के विपरीत दिया गया कर्ज शून्य होगा। इसके लिए विधेयक लाया जाएगा। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है- गोविंद सिंह राजपूत, राजस्व मंत्री, मप्र।