भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। सियासी घमासान के बीच बुधवार को मप्र कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी को प्रदेश कांग्रेस का उपाध्यक्ष बना दिया। मसानी ने विधानसभा चुनाव 2018 में जीजा से बगावत कर कांग्रेस की सदस्यता ली थी और विधानसभा चुनाव लड़ा था, हालांकि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने के बाद उन्हें हराने वाले निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल गुड्डा को कैबिनेट मंत्री बना दिया था। जब मप्र कांग्रेस व कमल नाथ सरकार में बगावत हुई तो जायसवाल भी बागी हो गए थे। इसका इनाम देते हुए शिवराज सरकार ने उन्हें हाल ही में राज्य खनिज निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया है।
संजय मसानी ने 2018 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था
संजय मसानी के 2018 में कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी ने उन्हें वारासिवनी विधानसभा सीट से टिकट दिया था। मगर उनके खिलाफ कांग्रेस नेता प्रदीप जायसवाल ने बगावत कर चुनाव ल़़डा और वे निर्दलीय विधायक चुने गए थे। जायसवाल कमल नाथ के भी विश्वस्त नेता रहे हैं और उन्होंने अपनी सरकार में निर्दलीय विधायकों में से केवल उन्हें ही मंत्री बनाया था। मगर जायसवाल ने कमल नाथ सरकार गिरने के कुछ घंटे पहले ही सुर बदल लिए और कहा कि जिसकी सरकार होगी वे उनके साथ हैं।
संजय मसानी को हराने वाले जायसवाल को शिवराज सरकार ने भी दिया कैबिनेट मंत्री का दर्जा
सरकार गिरने के बाद वे भाजपा नेताओं के संपर्क में रहे और उन्हें कुछ दिन पहले ही शिवराज सरकार ने भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए राज्य खनिज निगम का अध्यक्ष बना दिया। शिवराज सिंह चौहान के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने उनके साले संजय मसानी को बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया। उन्हें उपचुनाव प्रचार-प्रसार का प्रादेशिक समन्वयक प्रभारी बनाया है। कांग्रेस में शामिल होने के समय मसानी ने कहा था कि प्रदेश को शिवराज सिंह चौहान की नहीं, बल्कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की जरूरत है। मसानी महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के रहने वाले हैं।