MP Cabinet Expansion: बसपा, सपा और निर्दलीयों का सत्ता में साझीदारी का सपना टूटा

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भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और निर्दलीय विधायकों को भी सत्त्ता में साझीदारी की उम्मीद थी, लेकिन उनका सपना टूट गया। सत्ता के गलियारे में भाजपा के लिए रेड कारपेट बिछाने वाले सपा, बसपा और निर्दलीयों में से किसी को शिवराज मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। इनमें कई विधायक तो भाजपा के ऑपरेशन कमल अभियान में भी शामिल थे। ये लोग कमल नाथ की 15 माह पुरानी सरकार गिराने में सहायक बने थे।

‘ऑपरेशन कमल’ में भाजपा का साथ देने वालों को भी तवज्जो नहीं

जिन विधायकों ने कमल नाथ सरकार गिराने की मुहिम शुरू की, उनमें पथरिया से बसपा की विधायक रामबाई, बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और बालाघाट से निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल का नाम सबसे ऊपर आता है। जायसवाल ने तो भाजपा के सम्मान में कमल नाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के चंद मिनट पहले ही इस्तीफा दे दिया था। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि परोक्ष रूप से दिए गए समर्थन का फल उन्हें मिलेगा पर ऐसा हुआ नहीं।

शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में इन विधायकों को नहीं मिली जगह

कमल नाथ सरकार गिराने में निर्दलीय के साथ सपा और बसपा विधायकों का बड़ा सहयोग रहा है। यह विधायक सरकार के निर्णय और अपनी उपेक्षा से दुखी थे। इस विरोध को भाजपा ने भुनाया और कांग्रेस सरकार गिराने के अभियान में इन्हें शामिल किया। तब इन विधायकों को अलग-अलग आश्वासन दिए गए थे। ज्यादातर का उद्देश्य मंत्री पद ही था पर कांग्रेस के बागी और भाजपा विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने का समीकरण बैठाते-बैठाते ये विधायक सरकार की प्राथमिकता से बाहर निकल गए।

मंत्री बनाने की बात नहीं हुई थी : संजीव कुशवाह

भिंड से बसपा के विधायक संजीव कुशवाह कहते हैं कि सहयोग परिस्थितिजन्य होता है। भाजपा नेताओं से मंत्री बनाने की बात नहीं हुई थी। वैसे ग्वालियर-चंबल संभाग को सबसे ज्यादा और भिंड को दो मंत्री मिलने से हम खुश हैं। बस क्षेत्र के विकास कार्य बाधित न हों। यदि विकास कार्यो में अड़चन आएगी, तो सरकार को जरूर याद दिलाएंगे।

सपा से निष्कासित राजेश शुक्ला दुखी

बिजावर (छतरपुर) से सपा विधायक राजेश शुक्ला भी दुखी हैं। उन्होंने तो राज्यसभा चुनाव में भी भाजपा का सहयोग किया था, जिस वजह से उन्हें पार्टी ने निष्कासित भी किया पर मंत्रिमंडल में उन्हें जगह नहीं मिली। सुसनेर से निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा के हाथ भी कुछ नहीं लगा।

निर्दलीय शेरा झल्ला पड़े

बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने से खासे दुखी हैं। शेरा ने झल्लाते हुए कहा, ‘साथ लिया, फिर मंत्री बनाने में क्यों संकोच। ऐसा क्यों किया, ये तो उनसे पूछिए।” सियासी उठापटक के दौर में शेरा बेंगलुरू भी गए थे और कई बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिले थे।

गुड्डा दुखी, फोन भी नहीं उठा रहे

कमल नाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल (गुड्डा) को शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल होने की पूरी उम्मीद थी। गुड्डा ने कमल नाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के पहले अपना इस्तीफा सौंप दिया था और भाजपा को समर्थन देने का एलान भी कर दिया था। उन्होंने बीच में पूरी उम्मीद भी जताई थी कि शिवराज सरकार में उनके साथ न्याय होगा पर ऐसा नहीं हुआ। गुड्डा दुखी हैं और फोन तक उठाने से बच रहे हैं।

रामबाई को भी निराशा हाथ लगी

बसपा से निलंबित पथरिया की विधायक रामबाई ने भी ऐन मौके पर पाला बदला था। बीच में उन्होंने भी उम्मीद जताई थी कि मंत्री बनने की जो मांग कमल नाथ सरकार में पूरी नहीं हुई, वह शिवराज सरकार पूरी कर सकती है। उन्हें भी निराशा ही हाथ लगी है।