नगरीय निकाय चुनाव के लिये बीजेपी – कांग्रेस ने बनाई रणनीति

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भोपाल. नगरीय निकाय चुनाव की दस्तक के साथ भाजपा ने शहरी सरकार में परचम फहराने के लिए काम शुरू कर दिया है। भाजपा की मंशा है कि सभी नगर निगम में पार्टी के महापौर हो, ताकि कांग्रेस मुक्त मध्यप्रदेश का सपना फिर परवान चढ़ सके। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुक्त मध्य प्रदेश का सपना देखा था, लेकिन स्थिति उलट रही। अब विधानसभा उपचुनाव की सफलता से वापस भाजपा कांग्रेस मुक्त मध्य प्रदेश की राह पर है।

प्रदेश में जनवरी 2021 में नगरीय निकाय चुनाव होना संभावित है। इसके लिए 9 दिसंबर को भोपाल में महापौर के आरक्षण को लेकर कार्रवाई होगी। चुनाव को लेकर भाजपा ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत जल्द ही हर नगर निगम और निकाय के हिसाब से भाजपा रणनीति बनाकर काम करेगी। भाजपा के मंडल प्रशिक्षण सत्रों के तहत इसी निकाय चुनाव की मैदानी तैयारी का आगाज हो चुका है, जिसके बाद अब अगले चरण में कांग्रेस मुक्त मध्य प्रदेश के लिए वापस काम होगा। भाजपा ने अब मंडल, वार्ड और बूथ स्तर तक काम करने के लिए प्लानिंग शुरू कर दी है। इसके तहत राज्य मुख्यालय से हर वार्ड स्तर तक समिति गठित की जाएगी।

हारी सीटों की स्क्रूटनी
विधानसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी भारी सीटों पर फोकस करके काम होगा। इसके लिए भाजपा का डाटा स्क्रूटनी का काम शुरू हो चुका है। जहां पर पिछले निकाय चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिली थी, उन सीटों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भाजपा का युवाओं पर भी फोकस होगा।

कांग्रेस: युवाओं को तरजीह, जिलों में लागू होगा युवा फॉर्मूला
प्रदेश में 2018 के बाद के चुनावों में भाजपा के मुकाबले कमजोर साबित हुई कांग्रेस युवाओं के सहारे राजनीति की नैया आगे बढ़ाने जा रही है। पार्टी ७०-३० का फॉर्मूला आजमा रही है। निकाय चुनाव को देखते हुए ये तरीका जिला कमेटियों में अपनाया जाएगा। इसके तहत संगठन में 70 फीसदी युवा और 30 फीसदी अनुभवी नेता शामिल होंगे। बुजुर्ग नेताओं की अनदेखी की नाराजगी न झेलनी पड़े, इसके लिए उनकी पूछ परख की जाएगी।

युवा टीम उनसे मशवरा कर योजनाओं को अंतिम रूप देगी। नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी जिला कमेटियों में बदलाव कर पार्टी अपनी जिला इकाइयों का नए सिरे गठन करेगी। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस को संगठन के तौर पर मजबूत बनाने के लिए पार्टी एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस से निकलकर आने वाले चेहरों को संगठन में जिम्मेदारियां देगी। संगठन का नया स्वरूप जल्द ही सामने आएगा।

हारी सीटों की स्क्रूटनी
विधानसभा चुनाव की तरह निकाय चुनाव में भी भारी सीटों पर फोकस करके काम होगा। इसके लिए भाजपा का डाटा स्क्रूटनी का काम शुरू हो चुका है। जहां पर पिछले निकाय चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिली थी, उन सीटों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भाजपा का युवाओं पर भी फोकस होगा।

कांग्रेस: युवाओं को तरजीह, जिलों में लागू होगा युवा फॉर्मूला
प्रदेश में 2018 के बाद के चुनावों में भाजपा के मुकाबले कमजोर साबित हुई कांग्रेस युवाओं के सहारे राजनीति की नैया आगे बढ़ाने जा रही है। पार्टी ७०-३० का फॉर्मूला आजमा रही है। निकाय चुनाव को देखते हुए ये तरीका जिला कमेटियों में अपनाया जाएगा। इसके तहत संगठन में 70 फीसदी युवा और 30 फीसदी अनुभवी नेता शामिल होंगे। बुजुर्ग नेताओं की अनदेखी की नाराजगी न झेलनी पड़े, इसके लिए उनकी पूछ परख की जाएगी।

युवा टीम उनसे मशवरा कर योजनाओं को अंतिम रूप देगी। नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी जिला कमेटियों में बदलाव कर पार्टी अपनी जिला इकाइयों का नए सिरे गठन करेगी। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस को संगठन के तौर पर मजबूत बनाने के लिए पार्टी एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस से निकलकर आने वाले चेहरों को संगठन में जिम्मेदारियां देगी। संगठन का नया स्वरूप जल्द ही सामने आएगा।