आपने अक्सर अपने बड़े-बुजुर्गों को ये कहते सुना होगा कि मोटापा कई बीमारियों की जड़ है, जिसमें डायबिटीज, ह्रदय रोगों और तमाम तरह की जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां भी शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक, 1975 के बाद से दुनियाभर में मोटापा तीन गुना तक बढ़ गया है। इसके साथ ही बच्चों में मोटापा 21वीं सदी की सबसे गंभीर जन स्वास्थ्य चुनौतियों में से भी एक है, जो दर्शाता है कि आगे आने वाले समय में बीमारियां किस कदर लोगों पर हावी रहने वाली हैं। अत्यधिक वजन वाले बच्चे आगे चलकर मोटापे का शिकार हो जाते हैं, जिससे उनके कई रोगों के शिकार होने की संभावना और खतरा बहुत हद तक बढ़ जाता है।
डब्लूएचओ के मुताबिक, मोटापे को रोका जा सकता है और इसे कम भी किया जा सकता है बस जरूरत है जीवनशैली में छोटे-मोटे बदलाव और खान-पान बदलने की। डब्लूएचओ के मुताबिक, कम एनर्जी वाले फूड का ज्यादा सेवन और शारीरिक गतिविधियां न करने से अनहेल्दी तरीके से वजन बढ़ता है। शारीरिक गतिविधियों के स्तर में कमी के परिणामस्वरूप भी ऊर्जा का अभाव होता है और वजन बढ़ने लगता है।
खान-पान बदलने की शुरुआत आपके सुबह के नाश्ते से होनी चाहिए और दिन की अच्छी शुरुआत करने के लिए सुबह उठकर फ्रूट जूस पीने से अच्छा कुछ नहीं हो सकता है। जब बात फ्रूट जूस की आती है तो संतरे या मौसमी जैसे सिट्रस फल का विकल्प सबसे अच्छा और बेहतर माना जाता है। संतरा न केवल आपको खट्टा-मीठा स्वाद देता है बल्कि पूरे दिन होने वाली किसी भी तरह की परेशानी फिर चाहे शारीरिक थकान हो या मानसिक थकान से निपटने के लिए तैयार करता है। संतरा एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। संतरे के रस को अपनी डाइट में शामिल करने का एक और कारण है वजन कम करना। जी हां, अगर रोजाना संतरे की एक नियमित मात्रा का सेवन किया जाए तो शरीर पर चढ़ी अतिरिक्त चर्बी को कम किया जा सकता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने में मदद मिल सकती है।