नई दिल्ली, 18 जनवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेशकों से उन विकासशील नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है जो आने वाले वर्षों में स्वच्छ, पर्यावरण के अनुकूल और सतत विकास के लिए जरूरी हैं। वह सोमवार को विश्व व्यापार संगठन के दावोस एजेंडा 2022 सम्मेलन में “वैश्विक स्थिति (विश्व की स्थिति)” पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत आर्थिक सुधारों और अनुकूल कारोबारी माहौल के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
उनकी सरकार ने व्यापार में सरकारी हस्तक्षेप को कम करने के लिए कई सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि इसका एक हिस्सा कई क्षेत्रों में नियमों में ढील देना था, जिससे विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों का मार्ग प्रशस्त हुआ। उन्होंने कहा कि एक बार भारत में लाइसेंस राज चलाया गया था, लेकिन उन्होंने कॉर्पोरेट टैक्स को कम किया और व्यापार को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सभी देशों को क्रिप्टोक्यूरेंसी जैसी दुनिया के सामने नई चुनौतियों का जवाब देने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। मुद्रास्फीति, जलवायु परिवर्तन और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान को अर्थव्यवस्थाओं के लिए समस्याओं के रूप में वर्णित किया गया है।
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मोदी ने याद दिलाया कि भारत में दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल भुगतान प्रणाली है, जिसने अकेले दिसंबर में यूपीआई के माध्यम से 440 करोड़ लेनदेन किए, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा फार्मा उत्पादक बन गया। उन्होंने कहा कि भारत की लोकतंत्र में गहरी आस्था है। उन्होंने कहा कि देश में कई भाषाएं और विभिन्न संस्कृतियां मानव विकास के लिए मिलकर काम करती हैं। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 50 लाख सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और दुनिया के कई हिस्सों में भारतीय पेशेवर उनकी सेवाओं का आनंद ले रहे हैं। मोदी ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी यूनिकॉर्न (100 अरब डॉलर की स्टार्टअप कंपनी) है, जिसमें पिछले छह महीनों में 10,000 से अधिक नए स्टार्टअप पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा उद्यमशीलता की भावना के साथ-साथ नवाचार और नवाचार में सबसे आगे हैं।
वेंकट, ekhabar रिपोर्टर,