नई दिल्ली, 30 जुलाई: केंद्र सरकार ने चिकित्सा शिक्षा को लेकर एक अहम फैसला लिया है। केंद्र ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए चिकित्सा पाठ्यक्रमों में आरक्षण को अंतिम रूप दे दिया है। “मेडिकल एंड डेंटल एजुकेशन (यूजी, पीजी)” ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणियों के लिए आरक्षण करता है। सरकार ने गुरुवार को अखिल भारतीय कोटे के तहत ओबीसी छात्रों के लिए 27 फीसदी और ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्र द्वारा लिए गए नवीनतम निर्णय से लगभग 5,550 छात्रों को लाभ होगा और उनकी सरकार ओबीसी और ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए आरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसने कहा कि वह इस साल से आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए शैक्षिक आरक्षण कर रहा है। इससे एमबीबीएस में लगभग 1500 ओबीसी छात्रों, पोस्ट ग्रेजुएशन में 2500 ओबीसी छात्रों, एमबीबीएस में 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों और पोस्ट ग्रेजुएशन में 1000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को हर साल फायदा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उनकी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हर साल हजारों युवाओं को अवसर मिलते हैं और इसे हमारे देश में सामाजिक न्याय का एक नया अध्याय बताया। पता चला है कि 26 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को लंबे समय से लंबित इस मुद्दे का प्रभावी समाधान निकालने का निर्देश दिया था.
वेंकट, ekhabar रिपोर्टर,