PM मोदी 17 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र को करेंगे संबोधित, सुरक्षा परिषद में भारत की जीत के बाद पहला भाषण

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नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र(य़ूएन) को संबोधित करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र(य़ूएन) की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर लोगों को संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएम तिरुमूर्ति(TS Tirumurti) के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी 17 जुलाई को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र ECOSOC के उच्च-स्तरीय खंड के Valedictory में मुख्य भाषण देंगे। भारत की सुरक्षा परिषद में जीत के बाद संयुक्त राष्ट्र(य़ूएन) में पीएम मोदी का यह पहला भाषण होगा।

2016 में पीएम मोदी हुए थे शामिल

प्रधानमंत्री मोदी नार्वे के पीएम एर्ना सोलबर्ग और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले 22 जनवरी 2016 को ECOSOC की 70वीं वर्षगांठ पर मुख्य भाषण दिया था।

उच्च-स्तरीय खंड, ईसीओएसओसी(ECOSOC) द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है और सरकार, निजी क्षेत्र, नागरिक समाज और शिक्षाविदों से उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों के एक विविध समूह को बुलाता है। उच्च-स्तरीय सेगमेंट का विषय- COVID19 के बाद बहुपक्षवाद: 75 वीं वर्षगांठ पर हमें किस तरह के संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकता’ है। यह आयोजन विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह पहला अवसर होगा जिसमें प्रधानमंत्री मोदी 17 जून 2020 (2021-22 के लिए) सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत के भारी चुनाव के बाद से संयुक्त राष्ट्र की व्यापक सदस्यता को संबोधित करेंगे।

PM मोदी ने वैश्विक समुदाय के प्रति जताया था आभार

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की उपलब्धि के लिए वैश्विक समुदाय के प्रति आभार प्रकट किया था। उन्होंने कहा था कि सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए मिले वैश्विक समुदाय द्वारा दिए गए भारी समर्थन के लिए बहुत आभारी हूं। वैश्विक शांति, सुरक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर सदस्य देशों के साथ भारत काम करेगा।

भारत निर्विरोध बना UNSC का अस्थायी सदस्य

17 जून को भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(UNSC) का अस्थायी सदस्य चुना गया था। भारत को इसके लिए निर्विरोध चुना गया। भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थाई सदस्य बन गया है।193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराया था।

भारत की ऐतिहासिक जीत

भारत पहली बार 1950 में अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और अब आठवीं बार यह जिम्मेदारी मिलने जा रही है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रत्येक दो साल के कार्यकाल के लिए कुल 10 में से पांच अस्थायी सदस्यों का चुनाव होता है। एशिया-पैसिफिक ग्रुप की सीट के लिए केवल एक भारत ही उम्मीदवार प्रशांत समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था। चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-पैसिफिक ग्रुप ने पिछले साल जून में सर्वसम्मति से भारत को उम्मीदवार के तौर पर अपना समर्थन दिया था।