मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर शुक्रवार को जोरदार हमला बोला। उन्होंने दो-टूक कहा कि वे इसे किसी भी सूरत में बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। इस कानून को लागू कराने के लिए केंद्र राज्य सरकारों को नेस्तानबूद नहीं कर सकता।
ममता ने इसके खिलाफ सड़क पर उतरने का भी एलान किया। शुक्रवार को यहां मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार नार्थ-ईस्ट में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब करने और तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है। लोकतंत्र में संसद में सीटों के मामले में बहुमत होने का यह मतलब नहीं है कि किसी पर भी अपना विचार थोपा जा सकता है।
लोकतंत्र का मतलब सर्वसम्मति से सबको साथ लेकर चलना है। मुख्यमंत्री ने सूचित किया कि विरोध के तौर पर वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष में आयोजित होने वाले सामरोह में भाग लेने दिल्ली नहीं जाएंगी।
ममता ने कहा-‘नागरिकता संशोधन कानून भारत को विभाजित करेगा। जब तक हम बंगाल की सत्ता में हैं, तब तक यहां के किसी भी नागरिक को देश छोड़कर जाना नहीं पड़ेगा।’ भाजपा शासित त्रिपुरा के मुख्यमंत्री विप्लव देव की आलोचना करते हुए ममता ने कहा कि उन्हें अपनी नागरिकता से संबंधित कागजातों को सार्वजनिक करना चाहिए।
पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा-‘भारत में इतने सारे प्रधानमंत्री हुए लेकिन किसी ने भी देश को बांटने की कोशिश नहीं की। लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के बजाय केंद्र सरकार उन्हें धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश कर रही है। लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए पुराने दस्तावेज पेश करने को कहा जा रहा है।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी के असम दौरा रद करने को ममता ने देश के सम्मान पर धब्बा करार दिया। ममता ने कहा-‘बांग्लादेश के मंत्रियों ने भी अपना भारत दौरा रद कर दिया है। हम बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का सम्मान करते हैं। वे सांप्रदायिक नहीं हैं लेकिन उनके देश के मंत्री यहां आने से डर रहे हैं।’