नई दिल्ली, 25 मई (आईएएनएस)| योग गुरु बाबा रणदेव, जिन्होंने सोमवार को एलोपैथिक दवा पर अपनी टिप्पणी वापस ले ली, ने नए तर्क दिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से 25 सवाल पूछे गए हैं कि कुछ का एलोपैथी में स्थायी इलाज क्यों नहीं है। इसके लिए उन्होंने ट्विटर पर एक खुला पत्र लिखा।
*एलोपैथी में बीपी और मधुमेह का स्थायी इलाज क्यों नहीं है?
* क्या फार्मा कंपनियों के पास थायराइड, गठिया, कोलाइटिस, अस्थमा की स्थायी रोकथाम के लिए दवाएं हैं?
* जिगर की बीमारी, हृदय ब्लॉक, वसा के लिए क्या उपचार हैं?
* माइग्रेन, भूलने की बीमारी, पार्किंसन रोग का इलाज कैसे करें?
*एलोपैथी को सर्वशक्तिमान नहीं मानना चाहिए। क्योंकि इसकी उम्र 200 साल है..और इनके साथ और भी सवाल पूछे गए।
“” उस अधिकारी के इलाज में हमारा कोई हाथ नहीं है””:—-
पतंजलि डेयरी के उपाध्यक्ष सुनील बंसल (57) का हाल ही में कोरोना से निधन हो गया। कंपनी के सूत्रों ने कहा कि उनका एलोपैथी के लिए इलाज किया गया था और वह इसमें शामिल नहीं थे। उनका इलाज जयपुर, राजस्थान में हुआ था। उनकी पत्नी राजस्थान स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ अधिकारी हैं। उसने इलाज के मामलों का ध्यान रखने का दावा किया।
—– वेंकट,ई खबर रिपोर्टर,