नई दिल्ली: केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में ही सिटीजनशिप अमेंडमेंट (Citizenship Amendment Bill) बिल ला सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बुधवार को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल को मंजूरी मिलने की संभावना है. ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार की कोशिश इसी हफ्ते बिल को पेश करने की है. खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर पूर्वी राज्यों के नेताओं के साथ बिल पर आम सहमति बनाने की कोशिश की है.
दो दिन तक शाह ने उत्तर पूर्व के राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य स्टॉकहोल्डर के साथ बैठक की थी. सरकार की कोशिश रही है कि सबको भरोसे में लेकर ही बिल लाया जाये. माना जा रहा है कि अमित शाह की कोशिश से इस बिल का विरोध कर रहे उत्तर पूर्व के कुछ राज्य भी अब सहमत हो गए है. हालांकि कांग्रेस, वाम और अन्य दल इसका विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि इसमें मुस्लिमों को भी शामिल किया जाना चाहिए.
सरकार का मानना है कि ऐसे में रोहिंग्या को भी भारत की नागरिकता मिल जायेगी. जबकि वे घुसपैठिए है.सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल में बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान या अन्य देशों से आनेवाले हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. यह वर्ग इन देशों में सदियों से पीड़ित है.