नागपुर. बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) की खुदाई करने वाले पुरातत्ववेत्ता के के मोहम्मद (archaeologist KK Mohammed) ने रविवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से मुस्लिम समुदाय को कोई फायदा नहीं मिलेगा. दरअसल मोहम्मद उस दल का हिस्सा थे, जिसने अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर खुदाई की थी.
बता दें कि पुरातत्ववेत्ता के के मोहम्मद नागपुर में ‘‘भारतीय मंदिर : शोध एवं पुरातात्विक खोज’ पर व्याख्यान देते समय ये बात कही है. उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के निर्णय पर टिप्पणी की. मोहम्मद ने कहा, ‘वे पुनर्विचार याचिका दायर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे फायदा नहीं मिलेगा.’
पर्सनल लॉ बोर्ड दायर करेगा रिव्यू पिटीशन
बता दें कि लखनऊ के मुमताज डिग्री कॉलेज में आज 3 घंटे चली बैठक के बाद पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर करने का निर्णय लिया है. बोर्ड की प्रेस कांफ्रेंस में सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि बोर्ड ने तय किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पेटीशन दाखिल करेगा.
उन्होंने कहा कि बोर्ड ने साथ ही फैसला किया है कि मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ की जमीन मंजूर नहीं है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी रिव्यू पिटीशन दायर करने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि हम न मस्जिद को दे सकते हैं और न ही उसकी जगह कोई जमीन ले सकते हैं. मुकदमे में हमें हमारा हक नहीं दिया गया. मामले में जमीयत उलेमा-ए-हिन्द रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी.