नई दिल्ली : अजय देवगन आजकल अपनी फ़िल्म तानाजी: द अनसंग वॉरियर के प्रमोशन में व्यस्त हैं। इसके बाद भी वह एक के बाद एक पीरियड फ़िल्में में नजर आने वाले हैं। वह तानाजी के बाद ‘भुज- द प्राइड ऑफ़ इंडिया’ और ‘चाणक्य’ में नजर आने वाले हैं। तीनों ही फ़िल्में पीरियड हैं। ऐसे में अजय देवगन इनको लेकर कहा कि यह मजह इत्तेफाक है कि मैं लगातार पीरियड फ़िल्में कर रहा हूं।
दैनिक जागरण से बात करते हुए अजय देवगन ने कहा, ‘यह महज एक इत्तेफाक है। मैं भी उसके बारे में सोचने लग गया हूं कि तीन पीरियड फ़िल्में एक ही साल में आ रही हैं। उसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मैं इससे ब्रेक लेगा चाहता हूं।’ ऐतिहासिक फ़िल्मों की प्रासंगिकता को लेकर अजय ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘इन फ़िल्मों में एक सीख है कि योद्धाओं ने कितना त्याग और बलिदान किया है। उसके बारे में जानना चाहिए। उसके अलावा जब आप फ़िल्म बनाने जाते हैं, तो ऐसा विषय ढूंढते हैं, जो दर्शकों को जोड़कर रखे और दिल को छू जाए।’
तानाजी में अपने किरदार को लेकर अजय देवगन ने कहा, ‘यह आसान तो नहीं था। मेरी टीम और निर्देशक ने इस पर साढ़े चार साल की गहन रिसर्च की। इतिहासकारों और उनके वंशजों से मिले, मगर हां यह बात सही है कि उन पर बहुत ज्यादा नहीं लिखा गया है। हालांकि, एक चीज याद रखनी पड़ती है कि जो शख्स इतना बड़ा त्याग कर सकता है, उसका दिमाग कैसा चलता होगा। उस हिसाब से अगर सोचकर चलें, तो चीजें आसान हो जाती हैं।’
बता दें कि पहली बार है कि अजय देवगन 3डी में शूट किया है। इसको लेकर अजय देवगन ने कहा, ‘हम जो 3डी तकनीक लाए हैं, वह भारतीय फ़िल्मों में अब तक नहीं देखी गई है। हमें खुद नहीं पता था। हम पहली बार कर रहे थे। हम संशय में थे कि सही होगा या नहीं। हम बस यही चाह रहे थे कि हमारी मेहनत रंग लाए। इसमें हमने विदेशी तकनीक या तकनीशियंस का सहारा नहीं लिया है। हमें इस पर गर्व है। हम इसे मेड इन इंडिया कह सकते हैं।’