Coronavirus in Raipur : रायपुर के पॉश इलाके रहे कोरोना से अधिक प्रभावित

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रायपुर । रायपुर के मध्य और पूर्वी क्षेत्र के पॉश इलाकों में कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक असर रहा। इसके विपरीत पश्चिम क्षेत्र में कम असर पाया गया। राजधानी में 361 संदिग्ध कोरोना संक्रमितों में 75 फीसद मध्य और पूर्वी क्षेत्र में स्थित पॉश इलाकों में क्वारंटाइन किए गए। महत्वपूर्ण बात यह रही कि क्वारंटाइन किए गए लोगों में अधिकांश युवा रहे। ऐसे लोगों को संदिग्ध पाया गया जो कामकाजी थे और बाहर की दुनिया से संपर्क रहा।

आशंका थी कि ऐसे ही लोग कोरोना संक्रमण के वाहक बन सकते हैं, क्योंकि इस महामारी के दौर में उन्होंने खुद को कथित रूप से सुरक्षित करने के लिए परिवार या मित्रों का आश्रय लेने पहुंचे। इसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग के विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार किए गए डेटा से हुआ है।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने गत महीने राजधानी में क्वारंटाइन किए गए 361 संदिग्धकोरोना संक्रमितों की सूची तैयार की थी। इस सूची में संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के नाम, पता, वार्ड, उम्र, कब आए और कब क्वारंटाइन किए गए आदि विवरण दिए गए थे।

हालांकि इस सूची में 361 से में 11 ऐसे भी थे, जिनका उम्र गलत दर्ज किया गया था, जबकि 41 का पूरा पता नहीं दिया गया था। इसी सूची को आधार बनाकर डेटा साइंटिस्ट आयुष सिंह ने रायपुर के क्वारंटाइन किए गए संदिग्ध कोरोना संक्रमितों के प्रभाव वाले इलाके, उनके आयु वर्ग, कार्य प्रवृति आदि का डेटा तैयार किया है।

इस डेटा के मुताबिक रायपुर में सर्वाधिक होम क्वारंटाइन किए गए लोग महर्षि वाल्मीकि वार्ड, शंकर नगर वार्ड और डॉ. राजेंद्र प्रसाद वार्ड से हैं। महर्षि वाल्मीकि वार्ड में सर्वाधिक 36 लोग क्वारंटाइन किए गए।

शंकर नगर वार्ड में 33 और डॉ. राजेंद्र प्रसाद वार्ड में 20 लोग क्वारंटाइन किए गए। तीनों वार्डों में एक-एक बुजुर्ग हैं। राजेंद्र प्रसाद वार्ड में दो बच्चे भी हैं। रायपुर नगर महापालिका क्षेत्र के 72 वार्डों में से 51 वार्डों में ही संदिग्ध कोरोना संक्रमितों को होम क्वारंटाइन किया गया है।

कहां कितने होम क्वारंटाइन किए गए

आयुष सिंह के मुताबिक रायपुर में मार्च के पहले सप्ताह में एकमात्र कोरोना संदिग्ध आया। मगर मार्च के दूसरे सप्ताह में इसकी संख्या में भारी इजाफा हुआ। इस सप्ताह कुल 220 संदिग्ध यहां पहुंचे। तीसरे सप्ताह 22 मार्च तक कुल 131 संदिग्ध पहुंचे, जिन्हें प्रशासन ने क्वारंटाइन कर दिया।

संदिग्धों के आने में कमी का कारण केंद्र और राज्य सरकार की ओर से उठाए गए एहतियाती कदम रहे। खास बात यह रही कि अंतरराष्ट्रीय उडानों पर रोक के बाद मात्र 26 संदिग्ध ही शहर में आए। आयुष सिंह ने बताया कि रायपुर में 361 होम क्वारंटाइन किए गए लोगों में 87.4 फीसद कामकाजी उम्र के रहे, वरिष्ठ नागरिक मात्र 6 फीसद, बच्चे 6.6 फीसद रहे।

इनमें सबसे अधिक 79 की उम्र के एक बुजुर्ग रहे, बच्चे में सबसे कम उम्र का 2 वर्ष बच्चा रहा। राजधानी में होम क्वारंटाइन किए गए लोगों की औसत आयु 34 वर्ष रही। आयुष सिंह ने बताया कि रायपुर प्रशासन की ओर से 63 फीसद पुरुषों और 37 फीसद महिलाओं को होम क्वारंटाइन किया गया।

इनमें 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या काफी कम है। बच्चों और बुजुर्गों में अंतर काफी कम है। इससे स्पष्ट होता है कि रायपुर से कामकाज और शिक्षा के सिलसिले में पुरुषों की अपेक्षा काफी कम महिलाएं शहर के बाहर जाती हैं।