छत्तीसगढ़ पंचायत चुनाव: क्या है 69 हजार पंच-सरपंचों के निर्विरोध चुने जाने का नक्सली कनेक्शन?

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में बिना चुनाव के ही सरपंच, पंच और जनपद अध्यक्षों को चुन लिया गया है. हालांकि, प्रदेश में 28 जनवरी को पंचायत होने थे, लेकिन इससे पहले ही पद प्रमुख को निर्विरोध तरीके से चुना जा चुका है. सूत्रों की मानें तो, माओवादी इलाकों में दर्जनों पर नक्सलियों ने अपने समर्थकों को निर्विरोध जिताया है.

दरअसल, प्रदेश की 69690 की पंचायतों में ऐसा पहली बार हुआ है जब बिना किसी चुनावी प्रक्रिया ग्रामीण प्रतिनिधियों को चुना गया है. बस्तर में तैनात इंटिलेजेंस को मिली रिपोर्ट में माओवादियों ने न सिर्फ अपने समर्थकों को मैदान में उतारा, बल्कि किसी दूसरे प्रतिद्वंदी को खड़ा होने से रोककर अपने समर्थकों को निर्विरोध जिताया. दंतेवाड़ा में 12, बीजापुर में 14, सुकमा में 8, जगदलपुर में 4 और नारायणपुर से भी कुछ को निर्विरोध जिताये जाने की खबर है. हालांकि पुलिस प्रशासन इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया मान रहा है. इस पूरे घटनाक्रम पर सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

आमतौर पर नक्सलियों से सरकार, नेता और संगठन मुख्य धारा में आकर चुनाव लड़ने की कई बार अपील कर चुके हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव में अगर उनके समर्थक या इस विचारधारा से आने वाला व्यक्ति अगर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा ले रहा है, तो इसे उनके मुख्य धारा में लौटने की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.