रायपुर । Raipur News इनडोर स्टेडियम के फूड सप्लाई सेंटर से महापौर के बंगले में एक ट्रक चावल उतारे जाने के बाद बवाल मच गया है। जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं। बवाल की भनक लगते ही उस 100 बोरी सरकारी चावल के रिकार्ड में काटछांट कर सबूत मिटाने की कोशिश की गई। जब नईदुनिया की टीम फूड सप्लाई सेंटर पहुंची तो वहां आवक-जावक रजिस्टर में ट्रक नंबर और बोरी की संख्या को पेन की गहरी स्याही से मिटाने की कोशिश दिखी।
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान यहां दानदाताओं और खाद्य विभाग के लिए गोदाम बनाए गए हैं, जहां चावल, दाल, आटा, चीनी समेत अन्य खाद्य सामग्री रखने की व्यवस्था है। यहीं से गरीबों और जरूरमंदों के लिए खाद्य सामग्री उनके घर तक पहुंचाई जा रही है।
30 मार्च की शाम फूड सप्लाई सेंटर से ट्रक (सीओ-04 जेए, 3370) को महापौर बंगले के लिए रवाना किया गया। ट्रक में चावल से भरी सौ बोरियां लोड थीं। बाकायदे आवक-जावक रजिस्टर में दर्ज कर चावल महापौर के बंगले में भेजा गया। सेंटर में तैनात गार्ड भी ट्रक के साथ महापौर के बंगले में गया था।
जैसे ही महापौर के बंगले में चावल उतारे जाने की खबर फैली, अन्य वार्डों के पार्षद सक्रिय हो गए। उन्होंने इसका विरोध भी दर्ज कराया, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कुछ नहीं हुआ। लिहाजा पार्षद और नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर ने इसकी शिकायत आयुक्त सौरभ कुमार से फोन और लिखित में की। उन्होंने महापौर पर सरकारी चावल घर में रखे जाने के प्रकरण में एफआइआर कराने की मांग की।
सेंटर में कुछ अधिकारियों ने जताई थी नाराजगी
फूड सप्लाई सेंटर में तैनात कुछ अधिकारियों ने चावल ले जाने पर नाराजगी जताई थी। जब वे वहां से चावल ले जाने पर रोकटोक करने लगे तो राजनीतिक दबाव के चलते पूरा मामला ठंडा पड़ गया। इसके बाद वहां सभी ने इस प्रकरण में चुप्पी साध ली। बताते हैं कि शाम को ट्रक पर धड़ाधड़ बोरियां लादी जा रही थीं। उसी दौरान जब पूछताछ करने लगे तो बवाल बढ़ गया। आखिकार अंत में सौ बोरी चावल महापौर के बंगले में पहुंच गया।
पोल खुली तो महापौर का निजी चावल बताने लगे
इसकी भनक जब मीडिया को लगी तो स्मार्ट सिटी के एमडी आशीष मिश्रा की दलील थी कि ये चावल प्रशासन के चावल से अलग एक हॉल में रखा गया था। इसकी जानकारी वहां तैनात किसी कर्मचारी को नहीं थी। दानादाताओं का चावल नहीं था। लेकिन सवाल है कि अगर महापौर का यह निजी चावल था तो फूड सप्लाई सेंटर में क्यों रखा गया? इस पर अधिकारी कोई ठोस जवाब देने से बच रहे हैं।
आवक-जावक रजिस्टर में काटछांट
30 मार्च को ट्रक की एंट्री आवक-जावक रजिस्टर में दर्ज थी। मामला खुलने के बाद फूड सप्लाई सेंटर के आवक-जावक रजिस्टर में ट्रक की एंट्री के रिकार्ड में भी काटछांट कर दी गई, जबकि वहां तैनात कर्मचारी दबी जुबान से कह रहे थे कि ये चावल खाद्य विभाग का था। बहरहाल पूरे प्रकरण को लेकर चर्चा में है।
बोले नेता प्रतिपक्ष- अधिकारियों पर भी हो कार्रवाई
पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर ने कहा कि महापौर समेत इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि फूड सप्लाई सेंटर से जाने वाली खाद्य रसद सामग्री के किसी के बंगले पर उतरना गलत है, लेकिन सीएम के खास होने के नाते इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। आरोप लगाया कि इस चावल को खुद के समर्थकों में बंटवाने के लिए ले गए थे।
घबराए महापौर ने कॉल नहीं किया रिसीव
इस मामले में जब नईदुनिया ने उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कॉल तक नहीं रिसीव नहीं किया, जबकि गुरुवार और शुक्रवार को भी उनके मोबाइल पर कॉल की गई थी।
इनका कहना है
ये उनका निजी चावल था, जिसे उन्होंने यहां रखवाया था। चावल को अलग एक हॉल में रखा गया था। जो चावल वह ले गए थे, उससे प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है। आवक-जावक में गलती से दर्ज कर लिया था।
– आशीष मिश्रा, एमडी, जनसंपर्क, रायपुर स्मार्ट सिटी