नई दिल्ली। भारत के बड़े उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड बड़ा निवेश करने जा रही है। कंपनी ने कहा है कि वह अपने तेल और गैस (Oil and Gas), जस्ता (Zinc) और इस्पात (Steel) कारोबार में 1.5 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इसके बोर्ड ने शुक्रवार को एक बैठक में फर्म की तेल और गैस इकाई, केयर्न ऑयल एंड गैस में नए कुओं की ड्रिलिंग के लिए 687 मिलियन डालर के पूंजीगत खर्च को मंजूरी दी।
वेदांता ने एक स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इसने दक्षिण अफ्रीका में गैम्सबर्ग जिंक परियोजना (Gamsberg Phase-2 Project of Zinc International) के लिए 466 मिलियन डालर और Steel Expansion के लिए 348 मिलियन डालर के प्रस्ताव को मंजूरी दी। फाइलिंग में कहा गया है कि 687 मिलियन डालर का इस्तेमाल कुओं के विकास और रिसर्च में होगा। केयर्न ऑयल एंड गैस कारोबार के लिए रणनीतिक प्राथमिकता इनफिल कुओं के जरिए कम टाइम के वॉल्यूम में बढ़ोतरी करना और रिसर्च के जरिए संसाधनों को जोड़ना है।
इसमें कहा गया है कि मंगला (Mangala), भाग्यम (Bhagyam), ऐश्वर्या (Aishwariya), ऐश्वर्या बाड़मेर हिल (Aishwariya Barmer Hill) (सभी राजस्थान ब्लॉक में) और ईस्टर्न ऑफशोर में रावा जैसे क्षेत्रों में कुओं के लिए 360 मिलियन डालर तय किए गए हैं। 327 मिलियन डालर के पूंजीगत व्यय के साथ रिसर्च कार्यक्रम, शेल के लिए पायलट कुओं सहित ओएएलपी ब्लॉकों और पीएससी ब्लॉकों में फैलाया जाएगा। कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) के तहत तेल और गैस की खोज के लिए बोली लगाई थी और कुछ ब्लॉक लिए थे।
466 मिलियन डालर की लागत से Gamsberg Phase-2 विस्तार परियोजना प्रति वर्ष अतिरिक्त 200,000 टन एमआईसी जिंक का उत्पादन करने के लिए क्षमता को दोगुना करके 8 मिलियन टन प्रति वर्ष कर देगी। यह परियोजना महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ लाएगी और वेदांता जिंक इंटरनेशनल को दक्षिण अफ्रीका का सबसे बड़ा जस्ता उत्पादक बना देगी।