भारतीय शेयर बाजार में इस हफ्ते जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के साथ-साथ विदेशी संकेतों का ज्यादा असर देखने को मिल सकता है. खासतौर से अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों का निवेशकों को इंतजार रहेगा. इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक करार की प्रगति का भी असर देखने को मिलेगा.
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले हफ्ते कच्चे तेल में आई तेजी के बाद तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर निवेशकों की नजर होगी.
2. संसद के चालू शीतकालीन सत्र का समापन 13 दिसंबर को रहा है, इस दौरान देश के राजनीतिक घटनाक्रमों पर बाजार की निगाह बनी रहेगी.
3. हफ्ते के दौरान औद्योगिक उत्पादन के अक्टूबर महीने के आंकड़े गुरुवार को जारी होंगे और इसी दिन नवंबर महीने के दौरान रही खुदरा महंगाई दर के आंकड़े भी जारी होंगे.
4. शुक्रवार को थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे. वहीं, नवंबर महीने के व्यापार संतुलन समेत कई अन्य आंकड़े भी जारी होंगे जिनका निवेशकों को इस सप्ताह इंतजार रहेगा.
5. अमेरिका में पिछले सप्ताह रोजगार के आंकड़े उम्मीद से बेहतर आने के बाद संभावना है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में स्थिरता बनाए रखने का फैसला ले. इस साल फेड तीन बार ब्याज दरों में कटौती कर चुका है. फेड के फैसले का असर भारतीय बाजार पर भी देखने को मिलेगा.
6. बीजिंग और वॉशिंगटन पहले चरण के करार को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, जिससे 17 महीने से जारी ट्रेड वार पर विराम लगेगा. इस ट्रेड वार से दुनियाभर की अर्थव्यवस्था प्रभावित रही है. मालूम हो कि चीन से आयातित बाकी 156 अरब डॉलर की वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा आयात शुल्क की घोषणा की आखिरी समय सीमा 15 दिसंबर तक है.
7. घरेलू बाजार की चाल तय करने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश के प्रति रुझान की अहम भूमिका होगी.