अब घबराने की जरूरत नहीं खाते से किसी ने धोखे से निकाला पैसे तो , ऐसे आ जाएगा वापस

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एक तरफ सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) आपसे डिजिटल लेन देन की वकालत कर रहे हैं, दूसरी ओर इन दिनों डिजिटल फ्रॉड (Digital fraud) के मामलों में भी इजाफा हो रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने इसका तरीका बताया है. रिजर्व बैंक का कहना है कि अगर कोई भी अनधिकृत लेन-देन होता है तो उसके बाद भी आपका पूरा पैसा वापस मिल सकता है. इसके लिए सतर्कता जरूरी है. RBI कहता है कि ऐसे किसी भी ट्रांजेक्शन की जानकारी तुरंत देकर आप नुकसान से बच सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने किया है ये ट्वीट
रिजर्व बैंक (RBI) ने एक ट्वीट करते हुए कहा है- ‘अगर अनधिकृत इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन से आपका नुक़सान हुआ हो, तो आपकी देयता सीमित हो सकती है, बल्कि शून्य भी हो सकती है, अगर आप अपने बैंक को तुरन्त सूचित करते हैं.’ मतलब साफ है कि अगर आपके खाते से कोई गैरकानूनी ट्रांजेक्शन हुई है तो उसकी सूचना तुरंत अपने बैंक को दें. बिना देरी करे सूचना देने से आप बच सकते हैं. ऐसा करना से आपके सारे पैसे आपको मिल सकते हैं.
इसलिए मिलते हैं आपके पैसे वापस
जानकारों का कहना है कि बैंकों की तरफ से साइबर फ्रॉड के मद्देनजर इंश्योरेंस पॉलिसी ली जाती है. बैंक आपके साथ हुए फ्रॉड की सारी जानकारी सीधे इंश्योरेंस कंपनी को बताएगा और वहां से इंश्योरेंस के पैसे लेकर आपके नुकसान की भरपाई करेगा. साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां भी लोगों को सीधे कवरेज दे रही हैं.
फ्रॉड होने के 3 दिन में करें शिकायत
अगर आपके बैंक खाते से कोई गलत तरीके से रकम निकाल लेता है और आप तीन दिन के अंदर इस मामले के बारे में बैंक को शिकायत करते हैं तो आपको यह नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा. RBI ने यह भी कहा है कि निर्धारित समय में बैंक को सूचना दे देने पर ग्राहक के खाते से धोखाधड़ी कर निकाली गई रकम 10 दिन के अंदर उसके बैंक खाते में वापस आ जाएगी. आरबीआई ने यह भी कहा है कि अगर बैंक खाते से हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट 4-7 दिन बाद की जाती है, तो ग्राहक को 25,000 रुपये तक का नुकसान खुद उठाना होगा.