अब बैंक इनकम टैक्स विभाग की करेंगे मदद ,Income Tax नहीं भरने वाले हो जाएं सावधान

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इनकम टैक्स नहीं भरने वाले लोगों के लिए बुरी खबर है. बैंक अब उन ग्राहकों पर नजर रखेंगे जो सालाना लाखों रुपए निकालते या खर्च करते हैं. बैंक ऐसे ग्राहकों की आयकर रिटर्न देख सकेंगे. और अगर ऐसे ग्राहकों के आयकर में कोई अनियमितताएं या गड़बड़ी नजर आएगी तो सीधे आयकर विभाग को इसकी सूचना देंगे. मोटी कमाई होने के बावजूद इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने वालों को पकड़ने में अब बैंक इनकम टैक्स विभाग की मदद करेंगे. टैक्स चोरी पर नकेल कसने के लिए बैंक अब सरकार के ‘जासूस’ बन गए हैं. अब आप लाखों रुपए खर्च करके भी टैक्स नहीं भरने के खेल में पकड़े जा सकते हैं.
बैंक देंगे ऐसे चोरों की जानकारी
आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि उसने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए अपने किसी ग्राहक द्वारा दाखिल की गई आयकर रिटर्न को देखने की सुविधा शुरू कर दी है. बैंक संबंधित ग्राहक के स्थायी खाता संख्या (PAN) के मुताबिक उसकी दाखिल रिटर्न के बारे में जानकारी ले सकेंगे. आयकर विभाग का कहना है कि आंकड़ों से पता चला है कि भारी मात्रा में नकदी निकालने वाले व्यक्तियों ने कभी भी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की.
टैक्स चोरी करने वालों और कालेधन पर होगी सरकार की नजर
इस सुविधा से रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले लोगों पर नजर रखी जा सकेगी. जो रिटर्न दाखिल नहीं करते उनके नकदी निकासी पर नजर रखने के साथ ही कालेधन (Black Money) पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इन बातों को ध्यान में रखते हुये वित्त विधेयक 2020 में एक जुलाई 2020 से रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के लिये टीडीएस को अमल लाने के लिहाज से नकदी निकासी की सीमा को घटाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया. इस संबंध में आयकर कानून 1961 में वित्त विधेयक में संशोधन किया गया. इसमें रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों की एक करोड़ रुपए से अधिक की नकद निकासी पर स्रोत पर कर कटौती (TDS) पांच प्रतिशत की ऊंची दर से काटने का भी प्रावधान किया गया.
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 31 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को आयकर विभाग की उस सूची में शामिल कर दिया है जिनके साथ आयकर विभाग सूचनाएं साझा कर सकता है.