नई दिल्ली : सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी एनबीसीसी दिवालिया हो चुकी जेपी इन्फ्राटेक के लिए अधिक आकर्षक बोली जमा करने पर विचार कर रही है। एनबीसीसी गिरवी जमीन और बेनामी फ्लैट की जगह कर्जदाताओं को मालिकाना हक वाली अतिरिक्त जमीन देने पर विचार कर रही है। इसके अलावा एनबीसीसी घर खरीदारों को जल्दी घर तैयार करके देने पर भी विचार कर रही है।
कंपनी करीब 20 हजार फ्लैट को तयशुदा समय से पहले तैयार करने की शर्त को अपनी बोली में शामिल कर सकती है। इससे पहले एनबीसीसी की ओर से 17 नवंबर को जमा की गई बोली में चार वर्ष की अवधि में फ्लैट तैयार करने की बात कही गई थी। कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की पिछली बैठक 28 नवंबर को हुई थी। इसमें एनबीसीसी और सुरक्षा रियल्टी को नए स्तर से बोली जमा करने का मौका दिया गया था। इस दौरान सीओसी ने कहा था कि दोनों कंपनियां तीन दिसंबर तक अपनी अंतिम बोली जमा कर दें।
जेपी इन्फ्रा के कर्जदाताओं ने एनबीसीसी से कहा था कि वह अपनी बोली को और आकर्षक बनाए। उसे स्पष्ट मालिकाना हक वाली जमीन देने की मांग की गई थी। गौरतलब है कि पहली बोली के दौरान एनबीसीसी ने जो जमीन देने की बात कही थी उसमें से 600 एकड़ जमीन विवादित थी। इसमें कुछ बेनामी फ्लैट भी शामिल किए गए थे। सीओसी ने इस ऑफर में सुधार करके दूसरी बोली जमा करने को कहा था। इसके अलावा कर्जदाताओं ने यमुना एक्सप्रेसवे को बिना किसी अतिरिक्त कर्ज के तैयार करके देने की बात भी कही थी।
गौरतलब है कि एनबीसीसी ने जेपी के कर्जदाताओं का 9,800 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए 1,426 एकड़ जमीन का ऑफर दिया था। इसकी कीमत करीब 5,000 करोड़ रुपये थी। इसके अतिरिक्त कुछ फ्लैट देने की बात को भी बोली में शामिल किया गया था।