नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने ग्राहकों को Digital Payment की सुविधा उपलब्ध नहीं कराने वाले दुकानदारों, कारोबारियों एवं कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने का निर्णय किया है। हालांकि, यह नियम 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक का सालाना कारोबार करने वाले दुकानदारों पर लागू होगा। इन कारोबारियों को अपने प्रतिष्ठान में डिजिटल पेमेंट सिस्टम लगाने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है। इन दुकानदारों या कारोबारियों को तय डिजिटल पेमेंट की सुविधा नहीं उपलब्ध कराने पर एक फरवरी, 2020 से 5,000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माने का भुगतान करना होगा।
समाचार एजेंसी आइएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक CBDT ने कहा है कि कारोबारियों को इलेक्ट्रॉनिक मोड में पेमेंट की सुविधा शुरू करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। सीबीडीटी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि संबंधित दुकानदार या कारोबारी अगर 31 जनवरी, 2020 तक Digital Payment System लगवा लेता है और उससे पेमेंट लेना शुरू कर देता है तो उसे जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। सर्कुलर के मुताबिक तय समयसीमा तक ऐसा नहीं करने पर संबंधित दुकानदार या कारोबारी को पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से आर्थिक दंड देना होगा।
उल्लेखनीय है कि देश में Dgital Transactions को बढ़ावा देने के लिए आयकर अधिनियम में एक नए प्रावधान को शामिल किया गया था। इस प्रावधान के मुताबिक 50 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए चुनिंदा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेमेंट लेना अनिवार्य होगा। रुपे डेबिट कार्ड और यूपीआई के जरिए भुगतान अनिवार्य पेमेंट सिस्टम में शामिल हैं। हाल में सरकार ने इन दोनों माध्यमों से पेमेंट पर MDR शुल्क को खत्म करने की घोषणा की है। इसका मतलब है कि 50 करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले कारोबारियों को एमडीआर शुल्क नहीं देना होगा।