नई दिल्ली : म्युचुअल फंड निवेश बाजार के जोखिम के अधीन हैं। इसलिए, कभी भी उस पैसे का निवेश न करें जो जिसकी जरूरत आपको इमरजेंसी के वक्त पड़ सकती है। केवल उस पैसे को निवेश करें जिसे आप लंबे समय तक छोड़ सकते हैं। शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे सरल तरीका म्युचुअल फंड में निवेश करना होता है। क्या आप जानते हैं कि म्युचुअल फंड में निवेश की गई राशि पर आप लोन भी ले सकते हैं। बैंक और कई एनबीएफसी कंपनियां म्युचुअल फंड में निवेश किए गए पैसों पर लोन देते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको बता रहे हैं कि म्युचुअल फंड के बदले आप कैसे लोन ले सकते हैं।
कैसे मिलता है लोन
आप म्युचुअल फंड यूनिट के बदले बैंक या फिर एनबीएफसी (नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) से लोन ले सकते हैं। म्युचुअल फंड के एवज में कर्ज लेने के लिए, आपको फाइनेंसर (कर्जदाता) के साथ एक कर्ज समझौता करना होगा, मतलब आपको अपनी यूनिट गिरवी रखनी होगी। फाइनेंसर फिर म्युचुअल फंड रजिस्ट्रार (सीएएमएस, कार्वी, सुंदरम या फ्रैंकलिन) से अनुरोध करेगा ताकि वो म्युचुअल फंड जिसके एवज में कर्ज दिया जाना है उसकी यूनिट्स पर लिन मार्क कर दे। इसका मतलब यह है कि जब तक कर्ज वापस नहीं किया जाता है, यूनिट्स को रिडीम नहीं किया जा सकता है। बैंक या एनबीएफसी आपको निश्चित अवधि तक के लिए लोन देगा जो आपको इसी अवधि में लौटाना भी होगा।
क्या होगी लोन की रकम
बता दें कि लोन के रूप में मिलने वाली कर्ज राशि आपकी म्यूचुअल फंड यूनिट की मार्केट वैल्यू से हमेशा कम होती है। यह मार्जिन कहलाता है। लोन की राशि पूरी तरह से फाइनेंसर पर निर्भर करती है, लेकिन ये 10 से 12 फीसद तक हो सकती है ताकि पैसे को सुरक्षित रखा जा सके। कई बार देखा गया है कि निवेशकों को छोटी अवधि के लिए मसलन तीन महीनों के लिए तत्काल पैसों की जरूरत होती है। ऐसे में वो अपनी म्युचुअल फंड यूनिट को गिरवी रख लोन लेकर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। अगर आप इक्विटी म्युचुअल फंड पर लोन लेते हैं तो इस पर लगने वाला इंटरेस्ट (ब्याज) पर्सनल लोन की तुलना में कम होता है।